मेघालय: शिलांग के हिंसाग्रस्त इलाकों में कर्फ्यू जारी, इंटरेनट सेवा पर रोक बरकरार

मेघालय की राजधानी शिलांग में एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। रविवार देर रात यहां प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की और पेट्रोल बम फेंका। घटना के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू में दी गई ढील खत्म कर एक बार फिर कर्फ्यू लागू कर दिया है।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

मेघालय की राजधानी शिलांग के हिंसा ग्रस्त इलाकों में हालात तनावपूर्ण में हिंसा के बाद से तनाव अब भी बरकरार है। 3 जून की रात को एक बार फिर हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने देर रात सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम फेंका। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। दो गुटों में हुई हिंसक झड़प के बाद से ही कर्फ्यू लगा दिया गया था, जिसमें 3 जून को कुछ देर ढील दी गई थी। लेकिन पेट्रोल बम फेंके जाने की घटना से एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि लुमडिंगजरी पुलिस थाने और कैंटोनमेंट बीट हाउस क्षेत्रों में 3 जून को सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई, ताकि इस दौरान लोग अपनी जरूरत का सामान ला सकें। हालांकि, इस दौरान मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं पर रोक जारी रहा। प्रशासन ने जिले में सभी पेट्रोल पंपों से खुले जेरीकन, बोतलों और अन्य कंटेनरों में पेट्रोल और डीजल लेने पर रोक लगा दी है।

इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कहा, ‘‘समस्या एक खास इलाके में एक खास मुद्दे को लेकर हुई। दो समुदाय इसमें शामिल थे, लेकिन यह सांप्रदायिक प्रवृति की चीज नहीं थी।’’ उन्होंने आगे कहा कि निहित स्वार्थ वाले संगठनों और राज्य से बाहर की मीडिया के एक हिस्से ने शिलॉन्ग में हुई झड़पों को सांप्रदायिक रंग दिया। उन्होंने आगे कहा कि हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग पूर्वी खासी हिल्स जिले से बाहर के थे।

हालात पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू नजर बनाये हुए हैं। उन्होंने अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहने की अपील की है और कहा है कि सिख समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक स्थलों को नुकसान नहीं हुआ है। कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।

सिख बस्ती में हिंसा और सिखों पर अत्याचार को लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैल रही थीं। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर होते लक्षित हमलों को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने की वकालत की है। कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके के नेतृत्व में शिलांग के हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करके लौटी शिरोमणि अकाली दल की 4 सदस्यों वाली टीम ने प्रेस कांफ्रेंस कर हालात की जानकारी दी। जीके ने कहा कि शिलांग में महाराजा रणजीत सिंह के समय से बसे सिखों की कॉलोनी को उजाड़ने के लिए कुछ स्वार्थी तत्व कोशिश कर रहे हैं। उनका मकसद सिखों को प्रदेश से बाहर खदेड़ना है। जीके ने मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा के साथ हुई बातचीत का भी विवरण दिया।

स्थानीय लोग और सिखों के बीच मारपीट की रिपोर्टों को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा की अगुवाई में चार मेंबरी टीम मेघालय की राजधानी भेजने का फैसला किया है। अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि यह टीम अशांत इलाकों का दौरा कर वहां की स्थिति का जायजा लेगी, सिख समुदाय की हरसंभव मदद करेगी।

अभिनेता फरहान अख्तर ने शिलांग में भड़की हिंसा की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “ शिलांग में हिंसा के बारे में सुनकर दुखी हूं। उम्मीद करता हूं कि जो भी विवाद हो, उसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाएगा। यह भी आशा कर रहा हूं कि वहां के मेरे दोस्त और और उनके परिवार सही-सलामत होंगे।”

दरअसल गुरुवार रात को शिलांग में पंजाबी लाइन इलाके के कुछ लोगों की बस कंडक्टर के साथ झड़प हो गई। इसके बाद बस चालकों ने झगड़ने वालों का विरोध किया तो मामला और बिगड़ गया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। 1 जून की रात को फिर से दोनों गुटों के बीच झड़प हुआ। इस दौरान भीड़ ने एक दुकान और एक मकान में आग लगा दी। इस दौरान कई वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया। बताया जाता है कि हिंसा के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए।

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Published: 04 Jun 2018, 3:46 PM