पीएम को पता था गुजरात को ‘वाइब्रेंट’ करने में लगी थी चोकसी की ‘गीतांजलि’, इसलिए बोले ‘मेहुल भाई’

कांग्रेस का आरोप है कि मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की जोड़ी ने पीएनबी के साथ जो करीब 22,000 करोड़ का महाघोटाला किया वो पीएम मोदी, गुजरात और महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी नेताओं की जानकारी में हुआ।

फोटोः सोशल मीडिया
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तसलीम खान

मेहुल चोकसी की ‘गीतांजलि’ से वाइब्रेंट हो रहा था गुजरात, ‘गीतांजलि’ की चकमक से रोशन हो रहा था महाराष्ट्र, गीतांजलि के पैसे से बीजेपी नेता के शो में बिखरे थे फैशन के रंग और चोकसी के पैसे से ही प्रायोजित कार्यक्रम में शामिल थीं गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और अब मध्य प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल की बेटी। इतना ही नहीं एक बीजेपी नेता की बहन नीरव मोदी की कंपनी में सेल्स हेड भी थीं। ये सारे आरोप तथ्यों और दस्तावेजों के साथ कांग्रेस ने लगाए हैं।

कांग्रेस ने यह आरोप भी लगाया कि मेहुल चोकसी की कंपनी ने गुजरात के साथ-साथ देश के सैकड़ो-हजारों लोगों को फर्जी स्कीम से लाखों-करोड़ों का चूना लगाया और जब धोखाधड़ी के शिकार लोग पुलिस तक पहुंचे तो एफआईआर दर्ज करने के बजाय मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और मेहुल चोकसी और नीरव मोदी फरार हो गए।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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2017 में वाइब्रेंट गुजरात के 8वें सम्मेलन का लोगो 

कांग्रेस का आरोप है कि इस तरह मेहुल चोकसी और नीरव मोदी की जोड़ी ने पीएनबी के साथ तो करीब 22,000 करोड़ का महाघोटाला किया ही, आम लोगों के भी करीब 5,000 करोड़ का चूना लगाया और नौ दो ग्यारह हो गए। कांग्रेस का आरोप है कि ये सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात सरकार, महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी नेताओँ की जानकारी में हुआ।

“भारत में कोई भी व्यक्ति कहीं से भी सोना खरीदे, कितने भी बड़े शोरूम से खरीदे, लेकिन अपने सुनार के पास ले जाकर उसे चेक जरूर कराता है, कि माल असली तो है, हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं, यह बात अच्छी तरह जानते हैं।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात गोल्ड मोनीटाइजेशन योजना की शुरुआत के लिए हुए एक प्राइवेट कार्यक्रम में कही थी। इस कार्यक्रम में सरकार के बड़े-अफसरों के बीच मेहुल चोकसी भी थे, और प्रधानमंत्री ने सिर्फ ‘मेहुल भाई’ का नाम लिया था। और क्यों न लेते, क्योंकि पीएम, ‘मेहुल भाई’ को अच्छे से जानते थे, पहचानते थे, यह भी जानते थे कि वे सोने का काम करते हैं, और असली-नकली का खेल समझते हैं।

कांग्रेस ने जो आरोप लगाए हैं, उसके समर्थन में कुछ दस्तावेज पेश किए हैं। कांग्रेस ने मेहुल चोकसी की धोखाधड़ी के शिकार कम से कम पांच लोगों के शपथपत्रों को पेश किया है। इनमें भावनगर के निशांत बालमुकुंद राज्यगुरु, रामकृष्ण परवीनभाई जानी, महावीर सिंह चुडासमा और तुवर जगदीशभाई पुरुषोत्तमभाई की तरफ से 7 सितंबर 2015 को दायर शपथ पत्र शामिल हैं। इन शपथपत्रों में आरोप लगाया गया है कि मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स ने तीन स्कीम शुरु की थीं। इन स्कीम के नाम थे, शगुन, स्वर्ण मंगल लाभ और स्वर्ण मंगल कलश। इन स्कीम में कहा गया था कि कोई भी आम आदमी जो ज्वैलरी खरीदना चाहता है और इस निवेश पर कुछ लाभ कमाना चाहता है, वह किश्तों में पैसा चुका सकता है। स्कीम के मुताबिक ग्राहक को सिर्फ 11 किश्तें चुकानी थीं और 12वीं किश्त कंपनी चुकाती और उस समय तक जितना पैसा जमा होता, उसके डेढ़ गुना कीमत की ज्वैलरी दे दी जाती। ये स्कीम 12 महीने, 24 महीने और 36 महीने के लिए थी।

आरोप है कि लोगों ने जब आखिरी किश्त के समय ज्वैलरी मांगी तो कंपनी ने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने सितंबर 2015 में शपथपत्रों के जरिए पुलिस से शिकायत की। इसके बाद अक्टूबर 2017 में भी बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस से शिकायत की। लेकिन पुलिस ने किसी भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। आखिरकार लोगों की शिकायतें बढ़ती देख पुलिस ने इस मामले को गांधीनगर सीआईडी के हवाले कर दिया।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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प्रेस कांफ्रेंस में पेश किए गए दस्तावेज की कॉपी

यहां रोचक तथ्य यह है कि शिकायतें 10 अक्टूबर, 2017 को दी गईं थी, लेकिन पुलिस ने 25 जनवरी 2018 तक इंतजार किया। इस समय तक मेहुल चोकसी और नीरव मोदी दोनों अपने परिवार के साथ देश छोड़कर भाग चुके थे।

कांग्रेस का आरोप है कि इसी तरह की देश भर में हजारों शिकायतें हुई हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुआ। कांग्रेस के मुताबिक इस तरह मेहुल चोकसी ने कम से कम 5000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।

कांग्रेस का कहना है कि गुजरात सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेहुल चोकसी की नजदीकियों का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2017 के वाईब्रेंट गुजरात सम्मिट में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि समूह को संभावित साझीदार के तौर पर शामिल किया गया था।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार और बीजेपी नेताओं से भी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के करीबी रिश्ते थे। आरोपों में कहा गया है कि महाराष्ट्र में बीजेपी नेता शायना एनसी की बहन अपर्णा चुडासमा नीरव मोदी की कंपनी में सेल्स हेड थीं। कांग्रेस का आरोप है कि अगस्त 2015 में शायना एनसी के फैशन शो को गीतांजलि समूह ने प्रायोजित किया था और इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस की पत्नी अमृता फड़णवीस मुख्य अतिथि और उस समय गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल की बेटी अनार पटेल विशेष अतिथि थीं।

फोटोः स्क्रीनशॉट
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गीतांजलि के सहयोग से आयोजित बीजेपी नेता शायना एनसी के फैशन शो में मेहुल चौकसी 

कांग्रेस ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें भी पेश करते हुए कहा है कि गीतांजलि समूह ने इस कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक के तौर पर इस सबंध में अखबारों में विज्ञापन भी छपवाए थे, जिसमें सभी मेहमानों के नाम भी शामिल थे।

कांग्रेस ने इस सारे मामले पर बीजेपी और सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं:

  • क्या गोल्ड मॉनिटाइजेशन स्कीम लांच के मौके पर हुए प्राइवेट कार्यक्रम में मेहुल चोकसी को प्रधानमंत्री ने ‘मेहुल भाई’ कहकर नहीं बुलाया था?
  • क्या नीरव मोदी 23 जनवरी, 2018 को उन सीईओ की सूची में शामिल था, जिन्होंने दावोस में प्रधानमंत्री के साथ फोटो खिंचवाई थी और इस फोटो को प्रधानमंत्री कार्यालय, पीआईबी और विदेश मंत्रालय ने ट्वीट नहीं किया था?
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी से अपने रिश्ते क्यों छिपा रहे हैं?
  • क्या बीजेपी नेता शायना एनसी की बहन अपर्णा चुडासमा नीरव मोदी की कंपनी में सेल्स हेड नहीं थीं?
  • क्या गीतांजलि समूह द्वारा प्रायोजित शायना एन सी के कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की पत्नी और गुजरात की तत्कालीन मुख्यमंत्री की बेटी शामिल नहीं हुई थीं?

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Published: 23 Feb 2018, 8:37 PM