ऐसा रहा 2018ः सोशल मीडिया पर क्षेत्रीय भाषाओं में ज्यादा सक्रिय रहे पुरुष, केवल मलयालम में महिलाओं ने की बराबरी

सोशल मीडिया प्लेटफार्म शेयर चैट ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2018 में क्षेत्रीय भाषाओं का कंटेंट देखने में पुरुषों का वर्चस्व रहा। रिपोर्ट के अनुसार सभी 14 क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट लिखने में केवल मलयालम में ही महिलाओं ने पुरुषों की बराबर की।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

सोशल मीडिया पर क्षेत्रीय भाषाओं का कंटेंट देखने में इस साल पुरुषों का वर्चस्व रहा। शेयर चैट के यूजर्स के लिए साल 2018 में कठुआ रेप केस की नाबालिग पीड़िता के न्याय, निप्पा वायरस और केरल में बाढ़ सबसे अधिक चर्चित विषय रहे। रीजनल सोशल मीडिया प्लेटफार्म शेयर चैट ने वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

शेयर चैट की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं के यूजर्स ने प्लेटफॉर्म पर अपनी भाषा के शब्दों को बिल्कुल सही ढंग से लिखा। इन लोगों ने 25 करोड़ पोस्ट डाले जो इमेज, वीडियो, जीआईएफ आदि थे। सभी 14 क्षेत्रीय भाषाओं में प्लेटफार्म में शामिल होने और कंटेंट लिखने में पुरुषों का वर्चस्व रहा। क्षेत्रीय भाषा में केवल मलयालम में ही पुरुष और महिला यूजर्स लगभग बराबरी पर रहे।

सोशल मीडिया पर इस्तेमाल होने वाले हैशटैग के विश्लेषण से यह पता चला कि क्षेत्रीय भाषाओं के इंटरनेट यूजर्स में कई पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले भी थे। पहले से इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे और नये इंटरनेट यूजर्स सामाजिक और राजनीतिक मामलों पर सबसे ज्यादाजागरूक रहे और इन लोगों ने अपनी आवाज जोरदार ढंग से उठाई। इन लोगों ने अपनी सोच और चिंताओं को पहली बार इतने मुखर ढंग से उठाया।

साल 2018 में कठुआ रेप कांड की नाबालिग पीड़िता के लिए न्याय की गुहार, निप्पा वायरस, केरल में बाढ़, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का देहांत, श्रीदेवी की मौत और सबरीमाला पर कोर्ट का फैसला जैसी सामाजिक विषयों से लेकर प्राकृतिक आपदाएं ज्यादा सुर्खियों में रहीं।

रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय भाषाओं के यूजर्स ने इमेज के साथ लिखी वस्तुओं का अधिक इस्तेमाल किया। हालांकि सामान्य धारणा यह है कि कंटेंट में सबसे ज्यादा वीडियो भेजे जाते हैं। हालांकि क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो अधिक भेजे जा रहे हैं। लेकिन क्षेत्रीय भाषाओं में इमेज पर लिखे गए संदेशों को अधिक बनाया गया है और इन्हें अधिक भेजा गया है।

शेयर चैट के सीईओ अंकुश सचदेवा ने कहा, “क्षेत्रीय भाषाओं के यूजर्स ने यूजीसी गेम की मार्केट को बढ़ाया है। हम बहुत जल्दी देखेंगे कि कई समुदायों के बीच बोलचाल के आम शब्द मेनस्ट्रीम में इस्तेमाल होने के कारण पॉपुलर हो जाएंगे। हमें लगता है कि भारत में जिस तरह ई कॉमर्स बढ़ रहा है, उससे लगता है कि ई कामर्स जल्द ही लोकल ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर हाइपरलोकल हो जाएगा। इसके चलते छोटी दुकानें भी सोशल मीडिया पर अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने के बारे में सोचना शुरू करेंगी।”

शेयरचैट में सबसे ज्यादा सामाजिक और प्राकृतिक आपदाओं पर चर्चा हुई। टॉप कंटेंट के इस्तेमाल में प्यार और संबंध रहे। टूटे दिलों से जुड़ी शायरी, प्यार से जुड़ी टिप्पणियां और कविताएं रहीं। शेयर चैट ने पाया कि रोजाना ऐसे लाखों चैट हो रहे हैं।

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