हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए मतदान शुरू, जानें पूरा चुनावी गणित

महाराष्ट्र में विभिन्न दलों के 3,237 उम्मीदवारों के होने के साथ 288 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में विशेष रूप से कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। उनमें से प्रमुख हैं, सीएम देवेंद्र फडणवीस जो दूसरी बार सत्ता में लौटना चाहते हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र की 288 और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों, 17 राज्यों और एक केन्द्र शासित प्रदेश में लोकसभा की दो और 51 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग शुरू हो गई है।

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन लगातार दूसरी बार सत्ता में काबिज होने की जुगत मैं है और विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 5 साल तक सत्ता से दूर रहने के बाद सत्ता में लौटने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

चुनावी मैदान में विभिन्न दलों के 3,237 उम्मीदवारों के होने के साथ 288 सीटों के लिए होने वाले चुनावों में विशेष रूप से कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। उनमें से प्रमुख हैं, 49 वर्षीय मुख्यमंत्री देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस जो लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटकर सरकार के पहले गैर-कांग्रेसी प्रमुख बनकर इतिहास रचने की उम्मीद पाले हुए हैं।

वह प्रतिष्ठित नागपुर दक्षिण दक्षिण-पश्चिम सीट से कांग्रेस के अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी आशीष देशमुख और सात निर्दलीय सहित 18 अन्य उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं। बीजेपी के नेता पूरे विश्वास के साथ कह रहे हैं कि फडणवीस के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में जीतना और भाजपा को राज्य में सत्ता में फिर लाना बहुत आसान होगा।


वहीं, कराड दक्षिण से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज दैजिसाहेब चव्हाण का मुकाबला बीजेपी के अतुलबाबा सुरेश भोसले और सात निर्दलीय सहित 11 अन्य उम्मीदवारों से है। भोकर में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री, अशोक शंकरराव चव्हाण बीजेपी के श्रीनिवास उर्फ बापूसाहेब देशमुख गोर्तेकर और दो निर्दलीय सहित पांच अन्य लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

एनसीपी के कद्दावर नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री अजीत अनंतराव पवार बीजेपी के गोपीचंद कुंडलिक पाडलकर और पांच निर्दलीय सहित आठ अन्य के खिलाफ अपने पारिवारिक गढ़ बारामती को बचाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

एनसीपी के एक अन्य पूर्व उप-मुख्यमंत्री छगन चंद्रकांत भुजबल अपने गढ़ येवला से फिर चुनाव जीतने की फिराक में हैं। उनके खिलाफ एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के संभाजी साहेबराव पवार और तीन निर्दलीय सहित छह अन्य उम्मीदवार खड़े हैं। अन्य प्रमुख दावेदारों में विधानसभा में विपक्ष के नेता, विजय नामदेवराव वाडेत्तिवार कांग्रेस से और काउंसिल में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे राकांपा से चुनाव लड़ रहे हैं।

वाडेत्तिवार अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के संदीप वामनराव गद्दामवर, आम आदमी पार्टी की प्रसिद्ध कार्यकर्ता पारोमिता प्रनगोपाल गोस्वामी, और चार निर्दलीय उम्मीदवारों सहित आठ अन्य लोगों के साथ ब्रह्मपुरी सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।


मुंडे अपनी चचेरी बहन और भाजपा मंत्री पंकजा गोपीनाथ मुंडे को परली सीट पर चुनौती दे रहे हैं, जहां से 14 अन्य उम्मीदवार खड़े हैं। पार्टी के दो शीर्ष प्रमुख भी चुनावी मैदान में हैं। सबसे पहले कोठरुड से बीजेपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष चंद्रकांत बच्चू पाटिल हैं, जिन्हें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के वकील किशोर नाना शिंदे और पांच निर्दलीय सहित नौ अन्य ने चुनौती दी है।

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष विजय उर्फ बालासाहेब भाऊसाहेब थोराट अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के साहेबराव रामचंद्र नवले के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।

देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई में भी दो प्रमुख पार्टी अध्यक्ष चुनावी मैदान में हैं। बीजेपी के मंगलप्रभात लोढ़ा मालाबार हिल से कांग्रेस के हीरा नवाजी देवासी और आठ अन्य (3 निर्दलीय) के खिलाफ खड़े हैं और अनुशक्तिनगर से राकांपा के नवाब मलिक को शिवसेना के तुकाराम रामकृष्ण केट और 13 अन्य से चुनौती मिली है।

एक अन्य प्रमुख उम्मीदवार मुंबई के मेयर और शिवसेना नेता विश्वनाथ पांडुरंग महादेश्वर मौजूदा विधायक तृप्ति प्रकाश सावंत के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।


एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भाई के पोते रोहित पवार का मुकाबला कर्जत-जामखेड सीट पर भाजपा के राम शंकर शिंदे और 10 अन्य (6 निर्दलीय) से हैं। रोहित पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

नाला सोपारा से पूर्व एनकाउंटर विशेषज्ञ प्रदीप रामेश्वर शर्मा शिवसेना के टिकट पर मौजूदा विधायक, बहुजन विकास आघाड़ी के क्षितिज हितेंद्र ठाकुर और 12 अन्य के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं। चुनाव मैदान में उतरे कुल 3,237 उम्मीदवारों में से सिर्फ 236 महिलाएं हैं और बाकि 3,001 पुरुष हैं।

भौगोलिक क्षेत्र के संदर्भ में, सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र अहेरी और सबसे छोटा मुंबई में धारावी है, लेकिन मतदाताओं के लिहाज से, 554,827 मतदाताओं के साथ सबसे बड़ा पनवेल सबसे बड़ा क्षेत्र है और 27,980 मतदाताओं के साथ वर्धा सबसे छोटा है। जहां चिपलून में केवल तीन उम्मीदवार हैं वहीं, नांदेड़ दक्षिण में सबसे अधिक 38 उम्मीदवार हैं।

उम्मीदवारों में बीजेपी ने 164, शिवसेना ने 126, कांग्रेस ने 147, राकांपा ने 121, मनसे ने 101, बीएसपी ने 262, वीबीए ने 288, सीपीआई ने 16, सीपीआई (एम) ने 8, अन्य पंजीकृत दलों ने 604 उम्मीदवार उतारे हैं जबकि शेष 1,400 निर्दलीय उम्मीदवार हैं।

राज्य के कुल 8.97 करोड़ मतदाताओं में से 4.68 करोड़ पुरुष और 4.28 करोड़ महिलाएं हैं, साथ ही 2,634 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने 966,661 मतदान केंद्र बनाए हैं और राज्य में मतदान के लिए वीवीपैट ईवीएम की कुल संख्या 135,021 होगी।


हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर भी सोमवार को वोटिंग होगी। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी, कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच मुख्य मुकाबला है। राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए एक हजार 169 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतदान के लिए 16 हजार 357 केन्द्र बनाए गए हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि इंडियन नेशनल लोकदल-शिरोमणि अकाली दल गठबंधन 81 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।

हरियाणा चुनाव बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के लिए लिटमस टेस्ट है, जो राज्य में 'राम राज्य' के सिद्धांत को शासन का आधार मानते हैं। गैर-जाट खट्टर बीजेपी में 1994 से हैं और वह सुरक्षित सीट करनाल से फिर से मैदान में हैं।

बीजेपी ने अपने प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने मुख्य रूप से राष्ट्रवादी कार्ड खेला, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को रद्द करने जैसे बड़े फैसलों को गिनाया। इस दौरान उन्होंने विकास के मुद्दों को उतनी तरजीह नहीं दी। वहीं राज्य में कांग्रेस विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, नोटबंदी और जीएसटी से होने वाले नुकसान और कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को कांग्रेस ने अपना एजेंडा बनाया। इन मुद्दों पर कांग्रेस ने खट्टर सरकार को जमकर घेरा।

पिछले विधानसभा चुनाव में भगवा पार्टी 47 सीटें जीती थी और राज्य में पहली बार सरकार बनाया था। इस बार बीजेपी का लक्ष्य 75 से ज्यादा सीटें जीतने का है।


विपक्ष के नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर से अपने गढ़ रोहतक जिले के गढ़ी सापला-किलोई से लड़ रहे हैं। हुड्डा का मानना है कि उनकी पार्टी राज्य में बढ़ी बेरोजगारी की वजह से सत्तारूढ़ बीजेपी पर बढ़त बना सकती है, जो अनुमान के मुताबिक, 8.4 फीसदी के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले 28.7 फीसदी हो गई है। हुड्डा से मुकाबले के लिए भगवा पार्टी ने आईएनएलडी से दलबदल कर आए सतीश नंदलाल को खड़ा किया है, जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं।

सोमवार को मतदान के बाद 24 अक्टूबर को मतगणना होगी और उसी दिन नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

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Published: 20 Oct 2019, 10:08 PM