मौनी अमावस्या पर देशभर में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी, पितृदोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय!

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में स्नान किया। एक श्रद्धालु ने बताया कि आज हिंदुओं के लिए बड़ा पर्व है और स्नान है। आज के दिन मौन रहकर सभी स्नान करते हैं, मां गंगा जी सबको प्यार और सबको सद्बुद्धि दे।

फोटो: ANI
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नवजीवन डेस्क

आज मौनी अमावस्या है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, हरिद्वार और वाराणसी समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में में मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। प्रयाग राज में संगम पर हजारों श्रद्धालु डिबकी लगाते दिखे। पुलिस ने बताया, "सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या आज शुरू हो गया। 12 बजे रात से ही बड़ी संख्या में लोग स्नान करके जा रहे हैं। मेले में फायर ब्रिगेड की 13 टीमें और 5000 से अधिक जवान तैनात हैं।"

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में स्नान किया। एक श्रद्धालु ने बताया, "आज हिंदुओं के लिए बड़ा पर्व है और स्नान है। आज के दिन मौन रहकर सभी स्नान करते हैं, मां गंगा जी सबको प्यार और सबको सद्बुद्धि दे।”


मौनी अमावस्या पर पितृ पूजन का खास महत्व होता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान और पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन तिल या उससे बनी वस्तुओं का दान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए सारे काम मौन रह कर किए जाते हैं। इस मौके पर कुछ खास उपायों से पितृदोष भी शांत किया जा सकता है।

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या पर पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें। पितृ दोष निवारण के लिए लोटे में जल लें और इसमें लाल फूल और सा काले तिल डालें। इसके बाद अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को यह जल अर्पित करें। पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ाएं और उस पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को तिल के लड्डू, तिल का तेल, आंवला, कंबल और वस्त्र जैसी चीजें जरूर दान करें। ऐसा करने से आपको पुण्य मिलेगा। यह सारा काम आपको मौन रह कर ही करना है।

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Published: 11 Feb 2021, 9:00 AM