मॉक ड्रिल: दिल्ली से लेकर सुदूर राज्यों तक हुआ ब्लैकआउट, ऐसी दिखी भारत की तैयारियों की झलक
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत ने अपनी तैयारियों को और मजबूत करने के लिए व्यापक कदम उठाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के कई राज्यों में बुधवार को मॉक ड्रिल का सफल आयोजन हुआ।

आतंकवाद के पनाहगार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना के हमले के बाद बुधवार को देश भर में मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान देश के विभिन्न राज्यों के बड़े शहरों में ब्लैकआउट देखने को मिला। ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत शाम चार बजे से शुरू हुए इस अभ्यास में हवाई हमलों, ब्लैकआउट और निकासी जैसी आपातकालीन घटनाओं के दौरान प्रतिक्रिया का आकलन किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में देर शाम मॉक ड्रिल के तहत सायरन बजने के बाद नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, राष्ट्रपति भवन, संसद भवन और इंडिया गेट की लाइटें कुछ देर के लिए बंद कर दी गईं। दिल्ली में रात 8 से 8.15 बजे तक ‘ब्लैक आउट’ रखा गया। एनडीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि सरकारी कार्यालयों और दूतावास वाले क्षेत्रों में ‘ब्लैक आउट’ रखा गया लेकिन अस्पतालों, मेट्रो स्टेशन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में यह अभ्यास नहीं किया गया। कई मशहूर बाजार और सार्वजनिक स्थान जैसे- कनॉट प्लेस, खान मार्केट और चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल में अंधेरा छा गया और आमतौर पर देर रात तक जगमगाने वाले इलाकों में कुछ समय के लिए गतिविधियां रुक गईं। इससे पहले दिन में राष्ट्रीय राजधानी के 55 स्थानों पर मॉक ड्रिल किया गया।
महाराष्ट्र के मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल और दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर 26 नवंबर 2008 को आतंकियों ने हमला किया था। टर्मिनल पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने अलग-अलग और संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया। मुंबई पुलिस ने बताया कि जीआरपी और रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ने विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रूट मार्च, गश्त और जांच की। यह अभ्यास अपराह्न करीब तीन बजे शुरू हुआ और करीब एक घंटे तक जारी रहा। दक्षिण मुंबई के क्रॉस मैदान में ठीक शाम चार बजे एक सायरन बजा, जिसके बाद ‘मॉक ड्रिल’ के हिस्से के रूप में हवाई हमले के दौरान नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन दल और चिकित्सकों की टीम ‘घायलों’ को बचाने के लिए दौड़ पड़ीं।
पंजाब में कई स्थानों पर राष्ट्रव्यापी अभ्यास के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। प्रदेश के फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, गुरदासपुर, होशियारपुर, पटियाला, पठानकोट, बरनाला और मोहाली में आग लगने और अन्य आपात स्थितियों में बचाव कार्यों का अनुकरण करने वाली ‘मॉक ड्रिल’ की गई। केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में भी इस अभ्यास का असर देखने को मिला। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से 10 मिनट का ब्लैकआउट किया गया। 7:30 से 7:40 तक हुए ब्लैकआउट के दौरान पंजाब-हरियाणा सचिवालय, पंजाब-हरियाणा विधानसभा और पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट समेत शहर की तमाम इमारतों और घरों की लाइटें बंद नजर आईं। इस दौरान लोगों का पूरा समर्थन मिला।
हरियाणा के हिसार में भी लोगों ने मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन को पूरा सहयोग दिया। प्रशासन की अपील के बाद हिसार की जनता ने अपने घरों की लाइटें बंद कीं। राजस्थान में अजमेर सहित कई बड़े शहरों पर मॉक ड्रिल का सफल अभ्यास किया गया। सरकार के आदेशानुसार, अजमेर में सायरन बजते ही ब्लैकआउट हुआ। शहर में 7:30 से 7:45 तक इसका असर दिखा। वाहनों, घरों, सड़कों की लाइटें बंद रहीं।
उत्तर प्रदेश के 15 जिलों में भी मॉक ड्रिल का सफल आयोजन हुआ। अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर भी ब्लैकआउट किया गया। वहीं, बस्ती में लोगों ने अपने घरों की लाइटें बंद करके ब्लैकआउट में प्रशासन का सहयोग दिया। गांधी नगर क्षेत्र में भी यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। मौके पर सेना और एनसीसी के बच्चे भी मौजूद थे। उत्तर प्रदेश के मेरठ, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, बरेली, बुलंदशहर, संभल सहित 15 जिलों में ब्लैकआउट मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ।
हरियाणा के सभी 11 जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। प्रदेश के गुरुग्राम, पंचकूला, अंबाला और रोहतक में व्यस्त शॉपिंग मॉल, बाजारों और अन्य प्रतिष्ठानों में अभ्यास किया गया। राज्य के प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर भी यह अभ्यास किया गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) सुमिता मिश्रा ने बताया कि ‘मॉक ड्रिल’ 11 जिलों के लिए अनिवार्य थी।
झारखंड के छह जिलों में सायरन बजने के बाद ‘मॉक ड्रिल’ की शुरुआत हुई। अधिकारी ने बताया कि तीन घंटे का यह अभ्यास रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज में नागरिक सुरक्षा संगठनों के समन्वय से किया गया। बिहार के पटना, बेगुसराय, बरौनी, कटिहार, अररिया में मॉक ड्रिल किया गया और शाम में ब्लैकआउट किया गया।
कर्नाटक के बेंगलुरु में विभिन्न स्थानों पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बड़े पैमाने पर ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। अधिकारियों के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर पर सायरन बजने के तुरंत बाद नागरिक सुरक्षा कर्मी, पुलिस, अग्निशमन और आपातकालीन सेवा कर्मी हरकत में आ गए। ‘ड्रिल’ में आग लगने की स्थिति में बचाव अभियान, मलबे के नीचे से लोगों को निकालना, ऊंची इमारतों से लोगों को निकालना और चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं शामिल थीं। अभ्यास करीब आधे घंटे तक जारी रहा।
तेलंगाना के हैदराबाद में चार स्थानों पर पुलिस, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रतिक्रिया बलों की भागीदारी में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। यह अभ्यास सिकंदराबाद, गोलकुंडा, कंचन बाग और नचाराम एनएफसी क्षेत्र में किया गया। नागरिकों को घर के अंदर रहने, आश्रय लेने और छिपने का निर्देश दिया गया था। बचाव कर्मियों ने रस्सियों का उपयोग कर इमारतों से लोगों को निकाला, चिकित्सा सहायता प्रदान की और ऑपरेशन के दौरान ‘घायलों’ को स्थानांतरित किया। शाम साढ़े चार बजे फिर से सायरन बजे और ‘मॉक ड्रिल’ समाप्त हुई।
वहीं तमिलनाडु के दो प्रमुख प्रतिष्ठानों में ‘मॉक ड्रिल’ की गयी ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आपात स्थितियों से निपटने का अभ्यास किया जा सके। कलपक्कम में मद्रास परमाणु ऊर्जा केंद्र और चेन्नई बंदरगाह के परिसर में अभ्यास किया गया। आम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर और घायल व्यक्तियों को जल्दी से जल्दी अस्पताल ले जाने का अभ्यास किया गया। अधिकारियों ने पहले ही बताया था कि इन दो महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में हवाई हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए गतिविधियां की जाएंगी।
मणिपुर के चार जिलों में ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। इंफाल में ‘जॉनस्टोन हायर सेकेंडरी स्कूल’, बीटी पार्क, राज्य संग्रहालय और अग्निशमन सेवा परिसर में एक साथ ‘मॉक ड्रिल’ की गई। इंफाल पश्चिम के उपायुक्त राज कुमार मायांगलम्बम ने बताया, “आज की मॉक ड्रिल राज्य के गृह विभाग, नागरिक सुरक्षा और राहत एवं आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस, स्वास्थ्य, बिजली और शिक्षा विभागों सहित अन्य हितधारकों द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी।” उन्होंने बताया कि इस अभ्यास में हवाई हमलों की स्थिति में तैयारी, प्रतिक्रिया और रणनीतियों का व्यावहारिक प्रदर्शन भी शामिल था।
सिक्किम के गंगटोक जिले के सिंतम में बुधवार शाम को ‘मॉक ड्रिल’ की गयी। अधिकारियों ने बताया कि अभ्यास शाम चार बजे शुरू हुआ, जिसके तहत बालूतार में एनएचपीसी पावर हाउस पर हवाई हमला हुआ और संस्थान में आग लग गई। उन्होंने बताया कि ऐसा माना गया कि एनएचपीसी के कई कर्मचारियों के फंसे होने और घायल होने की आशंका है। इस स्थिति को देखते हुए आपात प्रोटोकॉल को तुरंत सक्रिय कर दिया गया, जिसमें सायरन बजाकर लोगों को आश्रय लेने के लिए सतर्क किया गया और आस-पास की सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया।
इन राज्यों के अलावा असम में 14 जिलों, ओडिशा के 12 जिलों, त्रिपुरा के आठ जिलों, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम, अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों और मिजोरम के आइजोल में मॉक ड्रिल की गयी और आपात स्थिति में किसी भी हालात से निपटने में आने वाली चुनौतियों के लिए अभ्यास किया गया। मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी व्यापक स्तर पर मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत ने अपनी तैयारियों को और मजबूत करने के लिए व्यापक कदम उठाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर देश के कई राज्यों में बुधवार को मॉक ड्रिल का सफल आयोजन हुआ। इस अभ्यास का उद्देश्य हवाई हमले, ड्रोन अटैक, मिसाइल हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए नागरिकों को जागरूक करना और प्रशासन की तत्परता को परखना है।
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