दिल्ली में तीनों MCD के विलय को मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी, AAP ने ऐन चुनाव के वक्त फैसले पर उठाया सवाल

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर एकीकरण करना ही था तो 7 साल भाजपा के पास थे तब भी किया जा सकता था, लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में एकीकरण को माध्यम बनाकर चुनाव टाले गए हैं वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार की कैबिनेट ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय को मंजूरी दे दी। पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन नगर निगमों को एक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में मिलाने को मंजूरी दे दी है और अब इसके लिए एक विधेयक इसी सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा। वहीं आम आदमी पार्टी ने ऐन चुनाव के वक्त इस फैसले पर सवाल उठाया है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राजधानी में तीनों नगर निगमों के एकीकरण को मंजूरी दे दी। सूत्रों ने बताया सूत्रों ने कहा, "आज केंद्रीय कैबिनेट ने तीन नगर निगमों- उत्तर, दक्षिण और पूर्व' के एक एमसीडी में एकीकरण के लिए विधेयक 'दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक को 24 या 25 मार्च को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। संसद द्वारा अनुमोदित तीनों निगमों के एकीकरण के बाद दिल्ली में मौजूदा तीन के स्थान पर एक महापौर होगा।


केंद्र सरकार के इस फैसले पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री और आप नेता गोपाल राय ने सवाल उठाते हुए कहा कि कि ये खबर अभी आई है कि कैबिनेट ने एकीकरण का प्रस्ताव पारित किया है लेकिन उस एकीकरण के लिए जो बिल सरकार तैयार कर रही है, एक बार वो सब सामने आ जाए तो उसका अध्ययन करके उसके आधार पर पार्टी आगे निर्णय लेगी। अगर एकीकरण करना ही था तो 7 साल भाजपा के पास थे तब भी किया जा सकता था, लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में एकीकरण को माध्यम बनाकर चुनाव टाले गए हैं वो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।

गोपाल राय ने आगे कहा कि चुनाव आयोग तैयारियां कर लेता है, एक दिन पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाता है उस दिन आचार संहिता लागू हो जाती है। फिर उसके अगले दिन तिथि घोषित करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाता है फिर उसे भी रोक दिया जाता है। तो क्या रातों रात कोई समस्या आ गई थी? जिस प्रक्रिया से ये चुनाव रोका गया है वो इस बात को दर्शा रहा है कि बीजेपी का जो आंतरिक सर्वे आया है, उसमें बीजेपी हार रही थी तो इमरजेंसी पावर ब्रेक लगवा कर चुनाव को रोका गया है।


गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में राज्य चुनाव आयोग ने दिल्ली नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा को यह कहते हुए टाल दिया था कि केंद्र तीनों नगर निगमों- दक्षिण, पूर्व और उत्तर को एकजुट करने की योजना बना रहा है। चुनाव को लेकर कोई भी फैसला उसके बाद ही लिया जाएगा।

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