विमानन कंपनियों की मनमानी पर पांच दिन बाद जागी मोदी सरकार, आसमान छूते किरायों पर लगेगा ब्रेक!

सरकार ने सभी एयरलाइनों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे निर्धारित किराया सीमा का पालन करें। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फेयर कैप्स तब तक लागू रहेंगे जब तक पूरी स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इंडिगो के ऑपरेशनल क्राइसिस के चलते देशभर में लगातार पांच दिन से उड़ानों के रद्द होने और टिकट दामों में बेतहाशा उछाल के बाद आखिरकार मोदी सरकार हरकत में आ गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि वह अपने नियामकीय अधिकारों का प्रयोग करते हुए सभी प्रभावित रूट्स पर किराया नियंत्रण लागू कर रहा है।

सरकार ने सभी एयरलाइनों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे निर्धारित किराया सीमा का पालन करें। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि फेयर कैप्स तब तक लागू रहेंगे जब तक पूरी स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।

इंडिगो की ओर से बड़ी संख्या में घरेलू उड़ानें रद्द किए जाने से महत्वपूर्ण रूट्स पर टिकट की कीमतें आसमान छूने लगी थीं।

  • दिल्ली–मुंबई मार्ग पर एयर इंडिया का किराया 60,000 रुपये तक पहुंच गया।

  • चेन्नई–दिल्ली मार्ग पर इंडिया एक्सप्रेस का दाम 41,000 रुपये और स्पाइसजेट का किराया 69,000 रुपये तक चढ़ गया।

यात्रियों को अचानक दूसरी टिकटें मजबूरी में बुक करनी पड़ीं, जिसके चलते लास्ट-मिनट फेयर में भारी बढ़ोतरी देखी गई। वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और मरीजों जैसी श्रेणियों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा।


मंत्रालय ने कहा कि वह एयरलाइनों और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स के साथ रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करेगा। बयान में चेतावनी दी गई कि “निर्धारित मानकों से हटकर की गई किसी भी प्राइसिंग पर व्यापक जनहित में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।”

सरकार ने स्वीकार किया कि मौजूदा क्राइसिस के दौरान कुछ एयरलाइनों द्वारा वसूले जा रहे ‘हाई फेयर’ को लेकर गंभीर चिंताएँ उठी हैं। इसी के बाद मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए किराया नियंत्रण लागू करने का निर्णय लिया।

आज यानी शनिवार को इंडिगो ने 400 से ज्यादा घरेलू उड़ानें रद्द कीं, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। यह पूरा संकट पांचवें दिन में प्रवेश कर चुका है, और इसी दबाव में सरकार ने किरायों की मनमानी पर रोक लगाने का कदम उठाया है।