‘जीडीपी’ पर टैक्स लगाकर 10 लाख करोड़ खा गई मोदी सरकार, तेल कीमतों ने बिगाड़ा आम लोगों का बजट

गैस, डीज़ल और पेट्रोल पर टैक्स लगाकर केंद्र की मोदी सरकार पिछले 4 साल में आम लोगों के करीब 10 लाख करोड़ डकार गई, इससे लोगों का बजट बिगड़ गया है। यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार को चेताया है कि लोगों का गुस्सा बहुत महंगा पड़ेगा।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तेल की कीमतों में आग लगी हुई है, और हर 24 घंटे में पेट्रोल-डीजल के दाम नया रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। इस बेतहाशा बढ़ोत्तरी से लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है। तेल कंपनियों ने इस बारे में हाथ खड़े कर लिए हैं, तो सरकार ने कंपनियों के साथ बैठक बुलाई है। इस बीच सभी विपक्षी दलों ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। इस सबके बावजूद सरकार की तरफ से कोई टिप्पणी या सफाई नहीं आ रही है। वहीं इंडस्ट्री ने भी तेल कीमतें काबू करने की मांग करते हुए वाहन ईंधन को जीएसटी दायरे में लाने की मांग उठाई है।

सोमवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹ 76.87 प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत ₹ 68.08 प्रति लीटर हो गई। यह अब तक का रिकॉर्ड है। वहीं मुंबई पेट्रोल ₹ 84.70 प्रति लीटर और डीज़ल ₹ 84.40 प्रति लीटर पहुंच गया है। चेन्नई में पेट्रोल ₹ 79.79 प्रति लीटर और डीज़ल ₹ 79.47 प्रति लीटर तक पहुंचा है।

‘जीडीपी’ पर टैक्स लगाकर 10 लाख करोड़ खा गई मोदी सरकार, तेल कीमतों ने बिगाड़ा आम लोगों का बजट

गौरतलब है कि कर्नाटक में चुनाव के दौरान तेल कंपनियों ने 19 दिनों तक तेल के दाम स्थिर रखे थे। लेकिन चुनाव संपन्न होते ही एक सप्ताह के अंदर 2 रुपए प्रति लीटर तक क बढ़ोत्तरी हो गई है। हालांकि तेल कंपनियां इसके पीछ किसी सरकारी निर्देश से इनकार करती हैं, लेकिन कच्चे तेल के दामों में बढ़ोत्तरी के बावजूद घरेलू कीमतें न बढ़ाने के कारण पर साफ-साफ कुछ नहीं कह पा रही हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने कहा है कि हम जानबूझकर तेल की कीमतें काबू में रखे हुए थे। उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की बात की।

उन्होंने बताया कि सरकार ने तेल कंपनियों को घरेलू उत्पादों की कीमतें प्रतिदिन के हिसाब से तय करने की आजादी दी है और हम उसी पर अमल कर रहे हैं।

इस बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार सिर्फ कर्नाटक चुनाव की प्रतीक्षा कर रही थी, इसके बाद से दामों में बेशुमार बढ़ोत्तरी की जा रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीते 4 वर्षों में मोदी सरकार ने आम लोगों की जेब से गैस, डीजल और पेट्रोल पर टैक्स के नाम पर 10 लाख करोड़ रूपए लूट लिए। कांग्रेस ने कहा कि बीते 4 साल में मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी में 211.7 फीसदी और डीज़ल में 443.06 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है। मई 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 9.2 रुपए प्रति लीटर और डीज़ल पर 3.46 रुपए प्रति लीटर थी, जो अब बढ़कर क्रमश: 19.48 रुपए और 15.33 रुपए प्रति लीटर हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बताया कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में अब तक 12 बार एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ाई है।

‘जीडीपी’ पर टैक्स लगाकर 10 लाख करोड़ खा गई मोदी सरकार, तेल कीमतों ने बिगाड़ा आम लोगों का बजट
‘जीडीपी’ पर टैक्स लगाकर 10 लाख करोड़ खा गई मोदी सरकार, तेल कीमतों ने बिगाड़ा आम लोगों का बजट

गौरतलब है कि मई 2014 के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमत में करीब 30 फीसदी की कमी आई, लेकिन मोदी सरकार ने इसका फायदा आम लोगों तक नहीं पहुंचने दिया। इस तरह दिसंबर 2017 तक मोदी सरकार ने करीब 9.96 लाख करोड़ रुपए की कमाई की, जो अब तक बढ़कर 10 लाख करोड़ पार कर चुकी होगी। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि आखिर यह पैसा कहां गया?

कांग्रेस ने कहा कि 26 मई 2014 से तुलना करें तो कच्चे तेल के दामों में करी 73 फीसदी नर्मी देखी गई, लेकिन पेट्रोल के दाम में 108 फीसदी और डीज़ल के दामों में 123 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई, इससे मोदी सरकार के जनविरोधी नजरिए का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ देश भर में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आंध्र प्रदेश में तो एक व्यक्ति ने बढ़ती तेल कीमतों से दुखी होकर खुद ही अपने स्कूटर में आग लगा दी।

इस बीच बीजेपी ने बढ़ती तेल कीमतों पर सरकार का बचाव किया है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और तेल मंत्री ने बुधवार को तेल कंपनियों के साथ बैठक बुलाई है, ताकि कोई हल निकाला जा सके।

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