मोदी सरकार ने सैन्य कार्रवाई की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सूचित किया, यह अपराध है: राहुल गांधी

कांग्रेस ने भी जयशंकर के बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने पूछा- सरकार ने ऐसी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी? हमले की ये जानकारी पाकिस्तान को देने की परमिशन किसने दी? इस सूचना की वजह से हमने अपने कितने विमान खो दिए?

मोदी सरकार ने सैन्य कार्रवाई की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सूचित किया, यह अपराध है: राहुल गांधी
मोदी सरकार ने सैन्य कार्रवाई की शुरुआत में ही पाकिस्तान को सूचित किया, यह अपराध है: राहुल गांधी
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर का एक वीडियो शेयर करते हुए शनिवार को दावा किया कि सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के समय ही पाकिस्तान को इस बारे में सूचित कर दिया था, जो एक अपराध है। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर के बयान का वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि सरकार ने यह स्वीकारा कि उसने हवाई हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित कर दिया था। राहुल ने सवाल किया, ‘‘इसे किसने अधिकृत किया? परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खोए?’’

कांग्रेस ने भी जयशंकर के इस बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने एक्स पर लिखा, "मोदी सरकार ने आतंकी ठिकानों पर हमला करने से पहले पाकिस्तान को सूचित किया था। ये बात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुद कबूल की है सरकार का ये कबूलनामा हमारे जवानों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही का जीता-जागता सबूत है- एक भयंकर अपराध है। ऐसे में सवाल है- सरकार ने ऐसी संवेदनशील और गोपनीय जानकारी पाकिस्तान को क्यों दी? हमले की ये जानकारी पाकिस्तान को देने की परमिशन किसने दी? इस सूचना की वजह से हमने अपने कितने विमान खो दिए?


राहुल गांधी के जयशंकर के बयान का मुद्दा उठाने के बाद विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा था कि हमने पाकिस्तान को शुरुआत में ही चेतावनी दे दी थी, जो कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद का शुरुआती चरण है। इसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है कि यह शुरुआत से पहले की बात है। तथ्यों को पूरी तरह से गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इससे पहले विवाद खड़ा होने पर पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी जयशंकर का बचाव किया था।

जयशंकर को इस वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘‘ऑपरेशन की शुरुआत में हमने पाकिस्तान को एक संदेश भेजा था, जिसमें कहा गया था कि हम आतंकवाद के ढांचे पर हमला कर रहे हैं और हम सेना पर हमला नहीं कर रहे हैं। इसलिए (पाकिस्तानी) सेना के पास कुछ नहीं करने और इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने का विकल्प है। उन्होंने अच्छी सलाह नहीं लेने का फैसला किया।’’

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