जिस उम्मीदवार का नाम तक नहीं था सर्च कमेटी के पास, उसे ही मोदी सरकार ने बना दिया CVC, समिति की अपत्तियां खारिज

पीएम मोदी के आवास पर बैठक में दोनों नामों पर मुहर लगा दी गई। बैठक में मौजूद अधीर रंजन चौधरी ने सीवीसी की नियुक्ति के लिए दिए गए कागजात में स्पष्टता नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए नियुक्ति का विरोध किया, लेकिन खारिज कर दिया गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सचिव संजय कोठारी देश के अगले केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) होंगे। इसके साथ ही बिमल जुल्का को अगला मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) बनाने पर भी मुहर लग गई है। पीएम नरेंद्र मोदी के आवास पर मंगलवार शाम डेढ़ घंटे चली बैठक के बाद इन नामों पर फैसला हुआ। हालांकि बैठक में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सीवीसी की नियुक्ति के पीएमओ द्वारा दिए गए कागजात में बहुत सारी खामियों का मुद्दा उठाते हुए विरोध किया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया।

दरअसल अधीर रंजन चौधरी ने सीवीसी की सर्च कमेटी और प्रस्तावित नियुक्ति पैनल में भी वित्त सचिव राजीव कुमार का नाम होने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि कोई व्यक्ति अपने ही चयन के लिए सर्च कमेटी का सदस्य कैसे हो सकता है? चौधरी के अनुसार इस पर प्रधानमंत्री ने उनकी आपत्ति को सही माना, लेकिन अचानक राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी का नाम नए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के लिए प्रस्तावित कर दिया।

अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक उन्होंने ने इस पर भी आपत्ति जताई और कहा कि जिस नाम पर सर्च कमेटी में कोई विचार ही नहीं किया गया, उसे बिना किसी गुण-दोष पर विचार किए कैसे इतने बड़े पद पर नियुक्त किया जा सकता है? लेकिन खुद प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी आपत्ति को दरकिनार करते हुए बहुमत के फैसले से कोठारी की नियुक्ति पर मुहर लगा दी।

इसके अलावा इस बैठक में आंध्रा बैंक के पूर्व सीइओ सुरेश एन पटेल को सतर्कता आयुक्त और पंजाब लोक सेवा आयोग की पूर्व सदस्य अमिता पांडोव को केंद्रीय सूचना आयुक्त पद पर नियुक्त करने पर भी मुहर लगा दी गई। सुरेश पटेल की नियुक्ति का भी विरोध करते हुए चौधरी ने छंटनी प्रक्रिया को पूरी तरह दोषपूर्ण करार दिया और कहा कि जब पीएम राजीव कुमार का नाम पैनल में होने को प्रक्रियागत खामी मानते हैं तो पटेल की नियुक्ति कैसे हो सकती है? चौधरी के अनुसार बैठक में मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उनकी इस आपत्ति को भी सिरे से खारिज कर दिया और पटेल की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी।


वहीं, केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के खाली तीन पदों पर फिलहाल नियुक्ति टाल दी गई है। मुख्य सूचना आयुक्त और केंद्रीय सूचना आयुक्त के चार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को दोषपूर्ण करार देते हुए चौधरी ने कमेटी को कहा कि जब एजेंडा में उन्हें नामों की फेहरिस्त ही उपलब्ध नहीं कराई गई है तो वो बिना सोचे-समझे और विचार किए किसी नाम पर कैसे कोई फैसला कर सकते हैं? चौधरी ने कहा कि उनकी आपत्तियों को खारिज करते हुए कमेटी ने दो नियुक्तियां कर दीं, जबकि तीन सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों को फिलहाल टाल दिया।

कांग्रेस ने भी संजय कोठारी को मुख्य सतर्कता आयुक्त और बिमल जुल्का को केंद्रीय सूचना आयुक्त नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि दोनों पदों पर ‘खुल जा सिम सिम’ की तर्ज पर नियुक्ति हुई है। उन्होंने कहा, “जेब से नाम निकालो, नियुक्ति कर दो। मोदी जी के न्यू इंडिया’ में पारदर्शिता, जवाबदेही, संवैधानिक प्रक्रिया और कानून के पालन की कोई जगह नहीं है। शीर्ष न्यायिक संस्थाओं में मनमानी लोकतंत्र के लिए घातक है।”

बता दें कि जून 2019 से खाली मुख्य सतर्कता आयुक्त के पद के लिए चयनित संजय कोठारी वर्तमान में राष्ट्रपति के सचिव हैं। कोठारी हरियाणा कैडर के 1978 बैच के अधिकारी हैं। वहीं, बिमल जुल्का मध्यप्रदेश कैडर के 1979 बैच के सेवानिवृत आईएएस अधिकारी हैं। जुल्का पूर्व सूचना और प्रसारण सचिव रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई चयन समिति की उच्चस्तरीय बैठक में इनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई। पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा बैठक में अधीर रंजन चौधरी, राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, पीएमओ कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव सी चंद्रमौली भी मौजूद थे।

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