कोविड से मौत का सही आंकड़े दे सरकार, हर पीड़ित परिवार को मिले 5 लाख का मुआवजाः कांग्रेस

सुप्रीया श्रीनेता ने कहा कि कोरोना मृतकों के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देना मुश्किल नहीं है। जिस सरकार ने एक ही साल में मात्र ईंधन पर टैक्स से 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कमाया है, क्या वह मात्र 22 हजार करोड़ रुपए मृतकों के परिवारों को नहीं दे सकती है?

फाइल फोटोः @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि कोरोना वायरस से हर मरने वाले के परिजनों को मुआवजे की राशि के तौर पर 50 हजार की बजाए 5 लाख रुपये दिए जाएं। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रीया श्रीनेत ने गुरूवार को कहा, "देश में लगभग 4.5 लाख सरकारी मौत के आंकडे से वास्तविक मौत के आंकड़ें कहीं ज्यादा हैं। मौत के आंकड़े सही तरीके से सामने रखे जाएं। हर राज्य में कोरोना काल में हुई मौतों का फिर से सर्वे किया जाए और मृतक के परिवार को चिन्हित कर सहायता राशि दी जाए। हर मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए।"

कांग्रेस प्रवक्ता ने केंद्र पर हमला बोलते हुए कहा पहले तो केंद्र सरकार की विफलता के चलते लाखों लोगों की कोविड-19 से जान चली गई और अब बजाय शोक संतप्त परिवारों के घावों पर मरहम लगाने के मोदी सरकार द्वारा मात्र 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। ये उन परिवारों के साथ भद्दा मजाक है और सरकार की असंवेदनशीलता का प्रमाण है।

सुप्रीया श्रीनेत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल सरकार के हलफनामे और केंद्र के ही पिछले हलफनामे में जबरदस्त विरोधाभास है, जिससे मदद नहीं देने का आशय शुरू से साफ है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और हमारे नेता राहुल गांधी ने पहले भी उचित मुआवजे की मांग की है, आज फिर हम हर मृतक के परिवार के लिए 5 लाख रुपये के मुआवजे की पुरजोर मांग करते हैं।"


सुप्रीया श्रीनेत ने कहा, "यह मुश्किल नहीं है। जिस सरकार ने एक ही साल में मात्र ईंधन पर टैक्स से 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कमाया है, क्या वह मात्र 22 हजार करोड़ रुपए मात्र 5.5 प्रतिशत मृतकों के परिवारों को नहीं दे सकती? करीब 14 करोड़ रोजगार नष्ट हो गए, लोगों का वेतन घट गया, नौकरीपेशा लोगों को मजबूरी में अपनी भविष्य निधि तक से 66 हजार करोड़ रुपए निकालने पड़ गए, कितने ही बच्चे यतीम हो गए, परिवार के मुख्य कमाने वाले चले गए।"

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा केंद्र ने पहले सुप्रीम कोर्ट में यह कहा था कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कोविड महामारी को 'आपदा' ही नहीं कहा जा सकता है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने 30 जून, 2021 के अपने फैसले में इसे खारिज कर दिया था। अब जब कोई अन्य विकल्प नहीं बचा, तो मोदी सरकार ने 22 सितंबर, 2021 को राज्य आपदा कोष से मात्र 50 हजार रुपये दिए जाने का फैसला किया।


गौरतलब है कि नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) की गाइडलाइंस के अनुसार, मुआवजे की रकम 50 हजार रुपये होगी। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 से मरने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। केंद्र के अनुसार ये राशि राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। केंद्र सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि मुआवजे का भुगतान न केवल पहले से हुई मौतों के लिए बल्कि भविष्य के लिए भी किया जाएगा।

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