देश के राजनीतिक दलों को अफगानिस्तान के हालात बताएगी सरकार, बचाव अभियान के साथ चुनौतियों की दे सकती है जानकारी

राजनीतिक दलों को जानकारी में विदेश मंत्रालय के बचाव अभियान और सरकार द्वारा की गई अन्य व्यवस्थाओं का विवरण साझा किए जाने की उम्मीद है। अफगानिस्तान से आने वालों और युद्धग्रस्त देश में भारत से संबंधित चिंताओं और चुनौतियों को भी साझा किये जाने की संभावना है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को जानकारी देने का फैसला किया है। सरकार का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश मंत्रालय को राजनीतिक नेताओं को जानकारी देने का निर्देश देने के बाद आया है और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी राजनीतिक दलों के नेताओं को आगे की जानकारी देंगे।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को अपने एक ट्वीट में कहा, "अफगानिस्तान के घटनाक्रम के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया है कि विदेश मंत्रालय राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को अफगानिस्तान घटनाक्रम के बारे में जानकारी दे। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी आगे जानकारी देंगे।"

सरकार द्वारा राजनीतिक दलों को जानकारी में विदेश मंत्रालय के बचाव अभियान और सरकार द्वारा की गई अन्य व्यवस्थाओं का विवरण साझा किए जाने की उम्मीद है। अफगानिस्तान से आने वालों और युद्धग्रस्त देश में भारत से संबंधित चिंताओं और चुनौतियों को भी साझा किये जाने की संभावना है।


भारत सरकारी और निजी दोनों एजेंसियों द्वारा अफगानिस्तान में कई विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है और इन परियोजनाओं का भविष्य 15 अगस्त को तालिबान द्वारा देश पर कब्जा करने के बाद से अधर में लटका हुआ है। सरकार अब तक विकास परियोजनाओं की स्थिति और उनको हुए नुकसान और उनके भविष्य के बारे में भी सरकार द्वारा राजनीतिक दलों को जानकारी दिए जाने की उम्मीद है।

अफगानिस्तान में पनपी गंभीर स्थिति के बीच भारत ने पहला हवाई बचाव अभियान 17 अगस्त को अंजाम दिया था, जब एक आईएएफ सी-17 विमान भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन, भारतीय दूतावास के कर्मचारियों के अंतिम बैच, आईटीबीपी कर्मियों सहित 120 भारतीयों को काबुल हवाई अड्डे से जामनगर वापस लाया था। हालांकि, सरकार भारतीयों और अफगान सिख और हिंदू समुदायों के नेताओं को वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर रही है, जो वहां तालिबान के उत्पीड़न से भयभीत हैं।


विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि रविवार शाम तक कुल 526 व्यक्ति दिल्ली में आ चुके हैं। 168 लोग रविवार सुबह हिंडन एयरबेस पर भारतीय वायु सेना के विमान सी-17 ग्लोबमास्टर द्वारा पहुंचे थे, जिनमें दो अफगानी सांसद अनारकली कौर और नरेंद्र सिंह खालसा के अलावा कुछ अफगान राजनीतिक नेता भी शामिल थे। सरकार ने वीजा की एक नई श्रेणी, आपातकालीन एक्स-विविध वीजा की शुरुआत की है, जिसके तहत सभी अफगान नागरिक भारत आने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो छह महीने के लिए वैध होगा।

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