मोरबी पुल त्रासदी: चश्मदीदों की आंखों देखी, कहा- कई लोग पानी में गिरे, कई जाल को पकड़ कर बचने की कोशिश की

मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना के चश्मदीद ने कहा कि 6 और 6:30 में पुल गिरा, कई लोग पानी में गिरे कई लोगों ने ब्रिज में लगे जाल को पकड़ कर बचने की कोशिश की। कई बच्चों, महिलाओं को मैं खुद अस्पताल लेकर आया, एक महिला थी जो गर्भवती थी उन्हें भी अस्पताल लाया लेकिन उनकी मौत हो गई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

गुजरात के मोरबी में झूला पुल गिरने से मरने वालों की संख्या सोमवार सुबह तक बढ़कर 141 हो गई। इसकी जानकारी राजकोट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अशोक यादव ने मीडिया को दी। ये हादसा कितना भयावह है इस बात को सिर्फ वो ही लोग बता सकते हैं जो घटना के समय वहां मौजूद थे। इस हादसे में कई परिवारों का घर सुना हो गया। किसी ने मां तो किसी ने पिता, किसी ने भाई तो किसी ने बहन को खो दिया। कई तो ऐसे परिवार हैं जहां सभी सदस्य ही लापता हैं।

मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना के चश्मदीद ने कहा कि रविवार की शाम 6 और 6:30 में पुल गिरा, कई लोग पानी में गिरे कई लोगों ने ब्रिज में लगे जाल को पकड़ कर बचने की कोशिश की। कई बच्चों, महिलाओं को मैं खुद अस्पताल लेकर आया, एक महिला थी जो गर्भवति थी उन्हें भी अस्पताल लाया लेकिन उनकी मृत्यु हो गई।


एक और चश्मदीद ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक था, वहां बच्चे-महिलाएं भी थी। मैं रातभर घटनास्थल पर मौजूद रही लोगों की मदद की। मैंने अपने परिवार के सदस्यों के तरह ही में लोगों की मदद की। मैंने शवों को अस्पताल ले जाने के लिए अपना वाहन दिया।

बता दें कि मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, जिसकी लंबाई 233 मीटर थी और यह 4.6 फीट चौड़ी थी।

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