ग्रामीण भारत के 44 फीसदी से ज्यादा परिवार ओबीसी से, एनएसओ के सर्वे से सामने आए आंकड़े

एनएसओ के सर्वे से सामने आया है कि देश में ग्रामीण परिवारों में से 44% से अधिक परिवार ओबीसी तबके से हैं। यह सर्वे में सामने आया है कि सर्वाधिक ओबीसी परिवार तमिलनाडु में हैं। सर्वे सात राज्यों में किया गया जिनमें लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 235 सीटें हैं।

सोशल मीडिया
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ऐशलिन मैथ्यू

देश में जातीय जनगणना की मांग के बीच केंद्रीय मंत्रालय के एक सर्वे में सामने आया है कि देश के 17.24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 44.4 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से हैं। यह खुलासा , इस महीने की शुरुआत में कृषि परिवारों की गिनती और उनकी स्थिति के आकलन में सामने आया है। यह आंकलन कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा किया गया है उसी ने सर्वे के आंकड़े जारी किए हैं। सर्वे के दौरान ग्रामीण परिवारों के पास भूमि के मालिकाना हक का भी आंकलन किया गया।

इस सर्वे को सबसे पहले द इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने सामने रका था। सर्वे में कहा गया है कि तमिलनाडु, बिहार, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में ओबीसी परिवारों की संख्या अधिक है। सर्वे के लिए आंकड़े कृषि वर्ष जुलाई 2018 से जून 2019 के बीच जुटाए गए थे।

जिन राज्यों में ओबीसी परिवार सर्वाधिक हैं उनमें तमिलनाडु नंबर एक पर है। तमिलनाडु में 67.7 फीसदी ग्रामीण परिवार ओबीसी हैं, इसके बाद बिहार का नंबर है जहां 58.1 फीसदी ग्रामीण परिवार ओबीसी हैं। इनके बाद उत्तर प्रदेश (56.3 फीसदी), केरल (55.2 फीसदी), कर्नाटक (51.6 फीसदी) और छत्तीसगढ़ (51.4 फीसदी) का नंबर है। ध्यान रहे कि इन सात राज्यों में लोकसभा की कुल 543 सीटों में से 235 सीटें हैं।

आंकलन में शामिल अनुमानित 17..24 करोड़ ग्रामीण परिवारों में 44.4 फीसदी ओबीसी, 21.6 फीसदी अनुसूचित जाति, 12.3 अनुसूचित जनजाति और 21.7 फीसदी अन्य सामाजिक समूह हैं। कुल ग्रामीण परिवारों में से 9.3 करोड़ या 54 फीसदी परिवार कृषि पर निर्भर हैं।

आंकड़ों से सामने आया है कि ओबीसी परिवारों के पास ग्रामीण परिवारों की कुल भूमि का 47.2 फीसदी है, इसके बाद अन्य के पास 28.5 फीसदी, अनुसूचित जनजातियों के पास 14.1 फीसदी और अनुसूचित जातियों के पास 10.2 फीसदी भूमि है।


कृषि वर्ष 2018-19 के दौरान पूरे भारत में कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 10,218 रुपए थी, जोकि पिछड़े वर्ग से कम थी। ओबीसी परिवारों की औसत मासिक आय 9,977 रुपए, अनुसूचित जाति परिवारों की मासिक आय 8979 रुपए और अनुसूचित जनजाति परिवारों की मासिक आय 8142 रुपए थी। कृषि परिवारों में शामिल अन्य सामाजिक समूह के परिवारों की औसत मासिक आय 12,806 रुपए थी।

राज्यों में कृषि परिवारों की औसत मासिक आय 5009 से 22384 रुपए के बीच थी। जिन 23 राज्यों के कृषि परिवारों के आंकड़े उपलब्ध हैं उनमें से उत्तराखंड में ओबीसी परिवारों की औसत मासिक आय सर्वाधिक है जबकि ओडिशा में सबसे कम है।

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