मुंबई प्लेन हादसा: डीजीसीए की भूमिका पर उठे सवाल, पायलेट मारिया जुबेरी समेत 5 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

मुंबई में गुरुवार को हुए चार्टर्ड प्लेन हादसे में पायलट मारिया जुबेरी समेत पांच लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में मारे गए पायलटों के परिजनों ने सवाल उठाया है कि उन्हें खराब स्थिति वाले चार्टर्ड प्लेन को उड़ाने के लिए क्यों दिया गया?

फोटो: सोशल मीडिया
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भाषा सिंह

मुंबई में कल एक चार्टर्ड प्लेन के क्रैश होने और उसमें 5 लोगों के मारे जाने के बाद से डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (डीजीसीए) की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। खराब मौसम के बावजूद उसने इतने छोटे हवाई जहाज को उड़ाने की अनुमति कैसे दे दी? इन सवालों को क्रैश में मारी गई पायलेट मारिया जुबेरी के परिवार वालों ने गहरे दुख के साथ उठाया है। उन्होंने एक पत्र लिखकर यह सवाल पूछा है कि आखिर किसने मारिया को मारा?

मारिया जुबेरी देश की पहली मुस्लिम पायलेट थीं और बेहद साहसी थीं। कल हुए क्रैश के बारे में भी यह बात सामने आई कि मारिया जुबेरी ने अपनी साहस की वजह से इस हादसे में बड़ी संख्या में मुंबई के लोगों को हताहत होने से बचाया। उन्होंने दूसरे पायलेट के साथ मिलकर क्रैश होते जहाज को एक पेड़ के ऊपर गिराया, जिससे जान-माल का नुकसान बहुत कम हुआ। अगर यह जहाज थोड़ा इधर-उधर गिरता तो मरने वालों की संख्या सैंकड़ों में हो सकती थी। इस बात को मारिया जुबेरी के पति प्रभात कथुरिया ने भी कहा और इसकी तस्दीक मुंबई के स्थानीय विधायक ने भी की।

मुंबई प्लेन हादसा: डीजीसीए की भूमिका पर उठे सवाल, पायलेट मारिया जुबेरी समेत 5 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?

मारिया जुबेरी के पति प्रभात कथुरिया और मारिया जुबेरी के परिजनों के नाम से जारी इस पत्र में कहा गया है कि जिस तरह का खराब मौसम था, उसमें कैसे इस चार्टर्ड प्लेन को उड़ाने की इजाजत दी गई? खुद मारिया जुबेरी घर से निकलते समय यह कहकर निकली थीं कि वह जल्दी आ जाएंगी क्योंकि इस मौसम में चार्टर्ड प्लेन नहीं उड़ सकता। कैप्टन राजपूत ने भी मारिया जुबेरी से यही बात कही थी। दूसरा सवाल जो इस पत्र में उठाया गया है वह भी बहुत अहम है। मारिया जुबेरी जिस जहाज को उड़ाने के दौरान हादसे का शिकार हुईं, वह अपनी उम्र पूरी कर चुका था। यह प्लेन करीब 20 साल पुराना था और 2009 में दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुका था। इसके रख-रखाव का जिम्मा इंडिमार के पास था और वह इसमें तकनीकी दिक्कतों को नहीं देख पाई, जिसकी वजह से यह दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इसकी पूरी जिम्मेदारी तो कंपनी की है।

यूवी एविएशन कंपनी इस चार्टर्ड प्लेन का मालिक था। उसने इस जहाज के रख-रखाव की पूरी तरह से अनदेखी की और यह फैसला नहीं लिया कि इसे नहीं उड़ाया जाना चाहिए। परिजनों ने यह जानने की कोशिश की कि कहीं इस कंपनी ने ही तो इस जहाज को उड़ाने के लिए इंडिमार पर दबाव नहीं बनाया था।

और सबसे बड़ी बात यह कि डीजीसीए के नियम के तहत छोटे जहाजों की टेस्ट फ्लाइट को बरसात के मौसम में उड़ने की अनुमति नहीं होती है। फिर ये जहाज कैसे उड़ा, जब मौसम काफी खराब था? क्या इस दुर्घटना के लिए एजेंसी जिम्मेदार है। परिजनों ने पत्र में यह सवाल पूछा है कि किस अधिकारी ने इस जहाज को उड़ने की अनुमति दी?

ये तमाम सवाल मौजूद है। इस बड़ी चूक की वजह से 5 लोगों की जान गई। परिजनों को इस बात का भी बहुत दुख है कि दुर्घटना होने से लेकर पत्र लिखे जाने तक किसी ने भी परिजनों से न संपर्क किया और न ही संवेदना जाहिर की।

मारिया जुबेरी सहित बाकी लोगों को बचाया जा सकता था। मारिया के शोकाकुल परिवार के जो सवाल हैं, वह अगर सुने जाएं तो शायद इस तरह से होने वाली दुर्घटनाओं को आगे रोका जा सकता है। लेकिन वह तभी संभव होगा, जब इसके दोषियों को सजा मिलेगी।

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Published: 29 Jun 2018, 8:08 PM