संगीत, अपराध और डाॅक्यूमेंटरी फिल्म से शुरू हुआ विमर्श

मूसेवाला की हत्या का केस अभी अदालत में चल रहा है। भविष्य में जब कभी अदालत इस केस का फैसला करने बैठेगी तो उसके सामने गोल्डी बराड़ का यह ऑडियो भी होगा। पर क्या कानून के हाथ कभी कडाना में बैठे इस गैंगस्टर तक पहुंच सकेंगे, पंजाब पुलिस के पास जिसका कोई सुराग तक नहीं है।

संगीत, अपराध और डाॅक्यूमेंटरी फिल्म से शुरू हुआ विमर्श
संगीत, अपराध और डाॅक्यूमेंटरी फिल्म से शुरू हुआ विमर्श
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हरजिंदर

बीबीसी की डाॅक्यूमेंटरी ‘द किलिंग काॅल‘ के दोनों भाग यू-ट्यूब पर वाईरल हो चुके हैं। यूट्यूब पर अपलोड होने के 24 घंटे के भीतर ही इसे लाखों लोग देख चुके थे और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की कामयाबी और हत्या पर बनी इस फिल्म की लोकप्रियता का कारण यह नहीं है कि इसमें दिखाया गया सच किसी फसाने से ज्यादा अजनबी है। इसके विपरीत पंजाब की आम चर्चाओं में जो बातें की जाती हैं फिल्म में उन्हीं को करीने से, प्रोफेशनल अंदाज में और तथ्यों के साथ पेश किया गया है।

इस डाॅक्यूमेंटरी के अचानक लोकप्रिय हो जाने का एक कारण शायद यह भी है कि सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकोर सिंह नहीं चाहते थे कि यह डाॅक्यूमेंटरी रिलीज़ हो। इसके लिए उन्होंने मुंबई जूहू पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई थी। मानसा की जिला अदालत में एक याचिका भी डाली थी। उनके अपने तर्क हैं। एक तो वे मानते हैं कि इस डाॅक्यूमेंटरी के लिए उनसे इजाजत नहीं ली गई। दूसरे उनका कहना है कि उनके बेटे की हत्या के लिए अदालत में जो मुकदमा चल रहा है वह इस डाॅक्यूमेंटरी से प्रभावित हो सकता है।


उनकी आपत्तियों की परवाह न करते हुए बीबीसी ने 11 जून को शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला के जन्मदिन के मौके पर भारतीय समय अनुसार सुबह 5.30 बजे डाॅक्यूमेंटरी को यूट्यूब पर रिलीज़ कर दिया। यानी इस डाॅक्यूमेंटरी को तब रिलीज़ किया गया जब जीएमटी के हिसाब से सिद्धू मूसेवाला का जन्मदिन शुरू होता है। उस दिन मूसेवाला के गांव में जन्मदिन समारोह का आयोजन था। इस आयोजन के दौरान उनके पिता ने केक भी काटा लेकिन डाॅक्यूमेंटरी को रोकने की उनकी मंशा पूरी नहीं हो सकी।

मानसा की अदालत में यह मामला सुनवाई के लिए उसके एक दिन बाद आया। अदालत ने 12 जून की सुनवाई के दौरान डाॅक्यूमेंटरी पर स्टे देने से इनकार कर दिया और फिल्म निर्माताओं से 16 जून तक आपत्तियों का जवाब देने को कहा। जाहिर है तब तक इसे देखने वालों की संख्या कईं गुना बढ़ चुकी होगी।


बीबीसी की यह डाॅक्यूमेंटरी मूसेवाला की हत्या के कारणों की तह तक जाने की कोशिश तो करती ही है साथ ही यह भी बताती है कि देश का सबसे तेजी से तरक्की कर रहा पंजाबी का संगीत उद्योग कैसे खतरनाक माफिया की गिरफ्त में पहुंच चुका है। इस डाॅक्यूमेंटरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि बीबीसी की रिपोर्टर इशलीन कौर कनाडा में बैठे हुए गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से बात करने में कामयाब हुईं जिसके इशारे पर यह हत्या की गई थी। डाॅक्यूमेंटरी में इस इंटरव्यू का ऑडियो भी है। जिसमें गोल्डी बराड़ स्वीकार करता है कि हत्या उसी ने करवाई और वह इसका कारण भी बताता है।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुकदमा अभी भी अदालत में चल रहा है। भविष्य में जब कभी भी अदालत इस मुकदमे का फैसला करने बैठेगी तो उसके सामने गोल्डी बराड़ का यह ऑडियो भी होगा। पर क्या कानून के हाथ कभी कडाना में बैठे इस गैंगस्टर तक पहुंच सकेंगे, पंजाब पुलिस के पास जिसका कोई सुराग तक नहीं है।

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