खामोश हो गई विलंबित खयाल में शास्त्रीय गायन की आवाज, संगीतज्ञ उस्ताद राशिद खान का कोलकाता में निधन

राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की पीढ़ी से आते थे। इस संगीत घराने की शुरुआत उनकेे परदादा उस्ताद इनायत हुसैन खान ने की थी। राशिद खान संभवत: रामपुर-सहसवान घराने की गायकी के आखिरी चिराग थे।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

जाने माने शास्त्रीय गायक राशिद खान का आज निधन हो गया। 55 वर्षीय राशिद खान ने कोलकाता के एकने अस्पताल में आखिरी सांस ली। एस एस के एम अस्पताल में वे 22 नवंबर से भर्ती थे। वे काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

उस्ताद राशिद खान प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे, वह वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पिछले महीने सेरेब्रल अटैक के बाद उस्ताद राशिद खान की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्होंने शुरुआत में टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में इलाज कराया। फिर बाद में कोलकाता के एक हॉस्पिटल में अपना इलाज जारी रखने का विकल्प चुना।


उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मे राशिद खान उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे थे। उन्होंने अपनी शुरुआती ट्रेनिंग परनाना उस्ताद निसार हुसैन खान से ली थी। 11 साल की उम्र में उन्होंने पहली मंचीय प्रस्तुति दी थी। राशिद खान ने शाहिद कपूर और करीना कपूर की फिल्म 'जब वी मेट' के लिए 'आओगे जब तुम साजना...' बंदिश को अपनी आवाज से सजाया था, जो काफी पॉपुलर हुई थी। इसके अलावा 'माय नेम इज खान', 'राज 3', 'मंटो' और 'शादी में जरूर आना' जैसी फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा था।

राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने की हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की पीढ़ी से आते थे। इस संगीत घराने की शुरुआत उनकेे परदादा उस्ताद इनायत हुसैन खान ने की थी। राशिद खान संभवत: रामपुर-सहसवान घराने की गायकी के आखिरी चिराग थे। कहा जाता है क वे संगीत सम्राट मियां तानसेन की 31वीं पीढ़ी थे। यह जानकारी उनकी अधिकारिक वेबसाइट पर दी गई है।

राशिद खा की पहचान विलंबित खयाल गायकी के लिए थी, और जब वे सुर छेड़ते थे तो हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के लाखों प्रशंसक मंत्रमुग्ध हो जाते थे। वे करीब तीन दशक तक संगीत की सेवा करते रहे।


संगीत सुर सम्राट राशिद खान के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने लिखा है कि राशिद खान हमारे समय के महान शास्त्रीय गायकों में से थे। गायकी और संगीत रचना में उनकी कद्र सभी करते थे।

फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने उनके निधन पर दुख जताया है। वहीं गीतकार प्रसून जोशी ने भी मार्मिक संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि राशिद खान उनके नजदीकी दोस्त थे। उन्होंने राशिद खान के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि यह ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि वे उन चंद खुशनसीब लोगों में से है जिन्हें राशिद खान के साथ दोस्ती का मौका मिला।

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