कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की रहस्यमयी मौत, कई चोट के निशान, पत्नी पर हत्या का शक
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उन्हें चाकू से गोदकर मारा गया है। पुलिस के अनुसार, उनका शव तीन मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर पर मिला, जिस पर गंभीर चोट के निशान थे।

बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट स्थित आवास में कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओम प्रकाश की हत्या कर दी गई। वह 1981 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी थे प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि उन्हें चाकू से गोदकर मारा गया है। पुलिस के अनुसार, उनका शव तीन मंजिला घर के ग्राउंड फ्लोर पर मिला, जिस पर गंभीर चोट के निशान थे।
पुलिस को सबसे पहले सूचना उनकी पत्नी पल्लवी ने दी। इसके बाद साउथ ईस्ट डिवीजन के पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।
इसके साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए सेंट जॉन अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने मृतक की पत्नी और बेटी से पूछताछ शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, ओम प्रकाश ने कुछ समय पहले अपनी जान को खतरा होने की बात कही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस को शक है कि इस हत्या में किसी करीबी परिजन का हाथ हो सकता है।
गौरतलब है कि पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले के रहने वाले थे। उन्होंने भू विज्ञान में स्नातकोत्तर किया था। अपने कार्यकाल में उन्होंने कर्नाटक होमगार्ड्स और फायर ब्रिगेड के महानिदेशक और 2015 से 2017 तक राज्य के पुलिस महानिदेशक के रूप में सेवाएं दी थीं।
इसके अलावा उन्होंने कई पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने कर्नाटक सतर्कता प्रकोष्ठ के एसपी, लोकायुक्त में सेवा, अग्निशमन सेवाओं के डीआईजी और सीआईडी के आईजीपी के रूप में कार्य किया।
उन्होंने 1993 के भटकल सांप्रदायिक दंगों के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और डीआईजी (प्रशासन), डीआईजी (उत्तरी रेंज), डीआईजी (प्रशिक्षण), एडीजीपी (अपराध और तकनीकी सेवाएं) और एडीजीपी (शिकायत और मानवाधिकार) जैसे वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।
उन्होंने 28 फरवरी, 2015 को डीजीपी के रूप में पदभार संभाला और 2017 में सेवानिवृत्त हुए।
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