नेशनल हेराल्ड: कांग्रेस बोली- राहुल-सोनिया गांधी के सवालों से डरते हैं PM, इसलिए उन्हें 18-19 घंटों तक नहीं आती नींद

नेशनल हेराल्ड मामले में आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ईडी के सामने बयान दर्ज कराएंगी। इससे पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि देश में जो भी हो रहा है वो लोकतंत्र खतरे का ताजा उदाहरण है।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

नेशनल हेराल्ड मामले में आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ईडी के सामने पेशी होनी है। इससे पहले दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी नेताओं ने प्रेस से बात की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है इसका ताजा उदाहरण देश में जो आज हो रहा है वो है।

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एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है मोदी सरकार: पवन खेड़ा

पवन खेड़ा ने कहा, “राजनीतिक पार्टियों में गठबंधन होना एक स्वभाविक बात है। लेकिन जो अमित शाह और नरेंद्र मोदी की राजनीति का गठबंधन है वह एजेंसियों के साथ है और बड़ा स्पष्ठ दिखता है। जब भी इनकी घेराबंदी हो जाती है तो यह एजेंसियों का दुरुपयोग करते हैं। एजेंसियों के सामने कर देते हैं। वे राज्यों के चुनाव हों, वह बंगाल हो या फिर उत्तर प्रदेश हो, असम हो, कश्मीर हो, महाराष्ट्र हो या फिर राजस्थान हो। सब जगह आपको एजेंसियों की भूमिका और उस भूमिका की टाइमिंग बड़ी स्पष्ठ तौर पर दिखती है। साजिश क्या है? हमें चुप करवाने की साजिश है। हमें रोकने का षड्यंत्र है और नियत है विपक्ष मुक्त भारत का। यह हम सबको स्पष्ठ तौर पर समझ लेना चाहिए।"

  • “देश का यह जानना अधिकार है कि हमें यह लोग चुप क्यों कराना चाहते हैं। आखिर वो कौन से मुद्दे हैं जब हम उठाते हैं तो एक साहब हैं, जिन्हें 18-19 घंटों तक नींद ही नहीं आती है। उन मुद्दों की वजह से नींद नहीं आती है। वह मुद्दे उठाने वाले कौन हैं? वह मुद्दे उठाने वाली कांग्रेस पार्टी है। वह मुद्दे उठाने वाले राहुल गांधी हैं। वह मुद्दे उठाने वाली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। उन्हीं मुद्दों से इनकी नींद हराम है। इसी वजह से एजेंसियों को सुबह से शाम तक व्यस्त रखा जाता है।

  • यह ‘वन नेशन, वन ईलेक्शन मालूम है क्यों चाहते हैं?’ ताकि एक ही बार में साभी एजेंसियों का एहसान ले लें। सबको रिटायरमेंट के बाद समायोजित करना पड़ता है। यह परेशान हो जाते हैं। इन्हें नींद नहीं आती है। यह स्थिति है हमारे प्रधानमंत्री की। हम तो सिर्फ प्रधानमंत्री को उनके अपने पुराने भाषण सुना देते हैं।

  • डॉलर, पेट्रोल, बेरोजगारी, चीन पर और पाकिस्तान पर। तमाम भाषण जो यह 2014 से पहले दिया करते थे अब हम उन्हें सुना देते हैं। इनका सिर शर्म से झुक जाता है।”

फोटो: विपिन
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विपक्ष को दुश्मन समझती है मोदी सरकार: अशोक गहलोत

वहीं, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि जैसे ईडी ने राहुल गांधी से पूछताछ की थी पूरे देश ने देखा था, आज सोनिया गांधी को बुलाया है। पूरा देश जानता है कि वो ऐसी नेता हैं जिन्होंने पूरे देश का दिल जीता है, जिस रूप से उन्होंने यूपीए का गठन किया 'फील गुड और इंडिया शाइनिंग" के नारों को हराया, जो आर्टिफिशल थे।

  • इस सरकार को इतनी भी शर्म नहीं आती की आप किस महिला को किस रूप में व्यवहार कर रहे हैं, ईडी चाहती तो उनके घर जाकर बयान ले सकती थी। पर जिस रूप में एजेंसी का रवैया है वो निम्म स्तर का है, उन्हें चिंतन नहीं है कि देश क्या सोच रहा होगा। गहलोत ने कहा कि जिस तरह से सोनिया गांधी को बुलाया वो बेहतर हो सकता था, इस सरकार के लिए कानून समान्य नहीं है।

  • गहलोत ने कहा कि विपक्ष के लिए अलग कानून है और बीजेपी के लिए अलग है। गहलोत ने पूछा कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग कहां हुई है? गहलोत ने कहा कि ईडी को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश को बताना चाहिए कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी को क्यों बुलाया जा रहा है? बीजेपी आज जो कर रही है वो लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है, देश में लोकतंत्र खतरे में है यह मामला उसका उदाहरण है।

  • देश के लोग सहमे हैं, घुटन महसूस कर रहे हैं, बीजेपी को यह अंदेशा नहीं है कि देश के लोगों का मूड बदल सकता है। हमारी विचारधारा देश को बचाने का है। हमारी पार्टी आज देशभर में प्रदर्शन कर रही है, ताकि मैसेज दिया जा सके कि देश में क्या-क्या हो रहा है। हम शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारी जगह बीजेपी होती तो यह तोड़फोड़ कर देती। हम भजन गाकर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन बीजेपी तोड़फोड़ करती है। इससे पता चलता है कि कांग्रेस की सोच क्या है और बीजेपी की सोच क्या है।

गहलोत ने कहा कि कांग्रेस दफ्तर के बाहर छावनी बनाया गया है, इतिहास में पहली बार यह हुआ है कि कांग्रेस दफ्तर में आने की इजाजत ही नहीं मिल रही है। यह परंपराएं ठीक नहीं हैं। गहलोत ने कहा कि देश में जो महंगाई है, बेरोजगारी है, आर्थिक स्थिति डामाडोल है, रुपया कमजोर हो रहा है यह चिंता का विषय होना चाहिए। राजनीति के अंदर दुश्मनी नहीं होना चाहिए, लेकिन यह हमें दुश्मन मानते हैं।

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