ओडिशा, बंगाल के साथ बिहार में भी 'यास' की तबाही का खतरा, निपटने के लिए NDRF की टीमें तैयार
एनडीआरएफ के बचावकर्मी विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए तूफान से बचने के लिए स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता का कार्यक्रम भी चला रहे हैं और संभावित खतरों को देखते हुए उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे हैं।
![फोटोः IANS](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2021-05%2F3ad97663-36b9-410e-91aa-cd7ce98e296f%2FNDRF.jpg?rect=0%2C95%2C1040%2C585&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 9वीं बटालियन की सभी 19 टीमें चक्रवाती तूफान 'यास' से निपटने के लिए बिहार के विभिन्न जिलों में अत्याधुनिक आपदा प्रबंधन और संचार उपकरणों से लैस होकर तैनात हैं। बता दें कि बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान यास के ओडिशा, बंगाल और झारखंड के साथ ही बिहार के कई तटवर्ती जिलों में भी तबाही मचाने के आसार हैं।
चक्रवाती तूफान यास के खतरे को देखते हुए पहले से ही ओडीशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार की सरकारों ने अपने-अपने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया था, जिसको देखते हुए 9वीं बटालियन एनडीआरएफ की टीमें ओड़िशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ बिहार में भी बचाव और राहत कार्यो के लिए तैनात हो चुकी हैं।
एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमांडेंट विजय सिन्हा ने बुधवार को बताया, "चक्रवात यास से निपटने के लिए सभी टीमें पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, झारखंड और बिहार के विभिन्न जिलो में तैनात हैं। इन टीमों में लगभग 500 बचावकर्मी शामिल हैं जो चक्रवाती तूफान यास के दौरान हर चुनौती का सामना करने तथा आपदा की घड़ी में स्थानीय लोगों को हर संभव मदद करने को तैयार है।"
इस दौरान एनडीआरएफ के बचावकर्मी विभिन्न जिलों में इस चक्रवाती तूफान से बचने के लिए लोगों के बीच कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता का कार्यक्रम भी चला रहे हैं और संभावित खतरों को देखते हुए उन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे हैं।
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