महिलाओं का यूपी पुलिस से भरोसा उठा, रेप की शिकार नेपाली युवती ने लखनऊ से भागकर नागपुर में दर्ज कराया केस

पीड़िता ने नागपुर पुलिस को बताया कि यूपी पुलिस से न्याय की उम्मीद खो देने पर उसने अहमदाबाद में एक दोस्त से मिलकर लखनऊ लौटने का नाटक किया, जिस पर आरोपियों ने भरोसा कर लिया। इसके बाद पीड़िता अपनी एक नेपाली दोस्त की मदद से नागपुर पहुंची और पुलिस से मदद मांगी।

फोटोः IANS
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काईद नजमी, IANS

उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप कांड में अपनी कार्रवाई को लेकर चौतरफा घिरी यूपी पुलिस पर अब प्रदेश में अपराध की शिकार होने वाली महिलाओं को भरोसा नहीं रहा। ऐसा ही एक मामला तब सामने आया जब यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं करते हुए 22 वर्षीय एक नेपाली युवती अपहर्ता और दुष्कर्मी के चंगुल से बचकर किसी तरह 900 किलोमीटर दूर नागपुर पहुंची और वहां उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया।

महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ में पीड़िता के साथ दुष्कर्म की दर्दनाक कहानी सुनकर महाराष्ट्र की नागपुर पुलिस ने तुरंत 'जीरो एफआईआर' दर्ज कर आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पीड़िता को महिला पुलिस एस्कॉर्ट के साथ लखनऊ भेज दिया है।

नागपुर के कोराडी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर वजीर शेख ने बताया कि पीड़िता 2018 में काठमांडू से भारत आई थी। वह हाईस्कूल तक पढ़ी है और उत्तर प्रदेश के नोएडा में इवेंट मैनेजमेंट फील्ड में काम करती रही है। वजीर शेख ने बताया, "छह महीने तक नोएडा में काम करने के बाद, एक दोस्त सूफी विश्वकर्मा ने बेहतर नौकरी का लालच देकर उसे सूरत (गुजरात) बुलाया। वहां सूफी ने उसका परिचय 25 वर्षीय 'राखी भाई' प्रवीण जे. यादव से यह बताकर करवाया कि वह दुबई में काम करने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।"

इंस्पेक्टर वजीर शेख ने आगे बताया कि मार्च में, लॉकडाउन के दौरान जब सूरत में कोरोना के कारण हालात ठीक नहीं रहे, तो सूफी पीड़िता को लखनऊ ले गया, जहां वह सेमरा इलाके में किराए के फ्लैट में रहने लगी। शेख ने बताया कि भारत में इतने लंबे समय तक काम करने के बाद पीड़िता ने लगभग 1.50 लाख रुपये बचाये थे, जो उसने सूफी को नेपाल में रह रही अपनी छोटी सौतेली बहन की पढ़ाई के लिए ट्रांसफर करने के लिए दिए। मध्य सितंबर में, उसने सूफी को पैसे वापस करने के लिए कहा। लेकिन उसने इनकार कर दिया। उसने नेपाली युवती के साथ झगड़ा किया, मारपीट की और उसका पासपोर्ट लेकर उसे घर से निकाल दिया।

इंसपेक्टर शेख ने जीरो एफआईआर के हवाले से बताया कि अजनबी शहर में असहाय अवस्था में उसने अपनी आपबीती बताने के लिए दुबई में रहने वाले यादव को फोन किया। यादव ने युवती के लिए पास के ट्रांस होटल में एक कमरा बुक किया। इसके कुछ ही समय बाद, आरोपी यादव ने दुबई से उड़ान भरी और होटल के कमरे में उसके साथ रहने लगा और कथित रूप से तीन दिन तक उसके साथ दुष्कर्म किया। फिर, वह उसे अपने एक दोस्त के घर ले गया और वहां भी उसके साथ एक सप्ताह तक दुष्कर्म किया।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि यादव ने पीड़िता की वीडियो, तस्वीरें ले लीं, युवती का फेसबुक और इंस्टाग्राम पासवर्ड हैक किए और उन्हें उसके परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों को पोस्ट कर दिया।इसके बाद युवती ने जब यादव को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी, तो उसने खुद के डॉन होने और पुलिस को अपनी जेब में रखने का दावा किया। इसमें सच्चाई भी थी, क्योंकि यह यादव का प्रभाव ही था कि पीड़िता ने जब एक स्थानीय पुलिसकर्मी को बुलाकर अपनी दुखद कहानी सुनाई, तो पुलिसकर्मी ने यह कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया कि 'यह तुम्हारा निजी मामला है।

पीड़िता ने महाराष्ट्र पुलिस को बताया कि यूपी पुलिस से न्याय की उम्मीद खो देने पर, उसने कुछ दिनों के लिए अहमदाबाद में एक दोस्त से मिलकर लखनऊ लौटने का नाटक किया, क्योंकि सूफी और यादव ने पहले ही उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था। दोनों ने अनिच्छा से उस पर भरोसा किया, जिसके बाद पीड़िता ने चुपचाप नागपुर में फोन कर अपनी एक नेपाली दोस्त, मंदिरा अनूप मिश्रा को अपनी दर्दनाक कहानी सुनाकर मदद मांगी।

नागपुर पुलिस ने बताया कि मिश्रा दंपति आसानी से सहमत हो गए और होटल व्यवसायी अनूप मिश्रा ने 29 सितंबर को लखनऊ से नागपुर के बीच लगभग 900 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए एक ओला कैब बुक की, जिससे वह अगले दिन यहां पहुंची।" लखनऊ में पीड़िता ने वकीलों सहित कई लोगों से सलाह ली और अंत में कोराडी पुलिस से संपर्क किया।

शेख ने कहा, "हमने उसे उसके कानूनी अधिकारों के बारे में समझाया और 3 अक्टूबर को जीरो एफआईआर दर्ज की। रविवार को हमने पुलिस की दो सदस्यीय टीम को अन्य औपचारिकताओं के लिए कैब से लखनऊ भेजा। वे उसे वापस नागपुर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी जोखिम का सामना करने के लिए उसे नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि लखनऊ में, स्थानीय पुलिस द्वारा तीनों स्थानों का 'पंचनामा बनाने, पीड़िता का मेडिकल कराने, दोनों आरोपियों सूफी और यादव का पता लगाते हुए एक पूरी प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू किए जाने की उम्मीद है।

इस मामले पर नागपुर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कोराडी पुलिस अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्रवाई की सराहना की है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके। नागपुर पुलिस की जांच में पता चला है कि लखनऊ के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी से स्नातक यादव को हाल ही में हथियार तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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