भगोड़े मेहुल चोकसी की नई चाल, भारत प्रत्यर्पण किए जाने को बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

इससे पहले 17 अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के चार सदस्यीय अभियोग कक्ष ने जिला अदालत के आदेशों में कोई खामी नहीं पाई। अदालत ने भारत के गिरफ्तारी वारंटों को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया, जिससे मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया था।

भगोड़े मेहुल चोकसी की नई चाल, भारत प्रत्यर्पण किए जाने को बेल्जियम के सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
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नवजीवन डेस्क

भारत में पीएनबी घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने बेल्जियम की सुप्रीम कोर्ट में 17 अक्टूबर के एंटवर्प की अपीलीय अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया गया था। फैसला आने तक प्रत्यर्पण की प्रक्रिया निलंबित रहेगी।

एंटवर्प स्थित अपीलीय न्यायालय के सरकारी अभियोजक ने कहा कि चोकसी ने 30 अक्टूबर को ‘कोर्ट ऑफ कैसेशन’ (उच्चतम न्यायालय) में अपील दायर की थी। केन विटपास ने कहा, “यह अपील पूरी तरह से कानूनी योग्यता तक सीमित है और इसका निर्णय शीर्ष अदालत द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान, प्रत्यर्पण की प्रक्रिया निलंबित रहेगी।”


इससे पहले 17 अक्टूबर को एंटवर्प की अपीलीय अदालत के चार सदस्यीय अभियोग कक्ष ने जिला अदालत के प्री-ट्रायल कक्ष द्वारा 29 नवंबर 2024 को जारी आदेशों में कोई खामी नहीं पाई। अदालत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा मई 2018 और जून 2021 में जारी गिरफ्तारी वारंटों को ‘लागू करने योग्य’ करार दिया, जिससे मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया।

अपीलीय अदालत ने फैसला सुनाने हुए कहा था कि 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर भारत में निष्पक्ष सुनवाई से वंचित किए जाने या किसी तरह के दुर्व्यवहार का सामना किए जाने का कोई खतरा नहीं है।


भारतीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले में अकेले चोकसी ने 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। घोटाले का पता चलने से कुछ दिन पहले जनवरी 2018 में एंटीगुआ और बारबुडा भाग गए चोकसी को बेल्जियम में देखा गया, जहां वह कथित तौर पर इलाज कराने के लिए पहुंचा था।

भारत ने मुंबई की विशेष अदालत द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर 27 अगस्त, 2024 को बेल्जियम सरकार को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा। भारत ने चोकसी की सुरक्षा, भारत में मुकदमे के दौरान उसके सामने आने वाले आरोपों, जेल व्यवस्था, मानवाधिकारों और चिकित्सा आवश्यकताओं के संबंध में बेल्जियम को कई आश्वासन दिए हैं।

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