ट्रेन में सीट कन्फर्म न होने पर विमान से करें सफर, यह नया स्टार्टअप दे रहा सुविधा

रेलोफाये के संस्थापकों ने बताया कि लगभग 30 करोड़ भारतीय हर साल रेलवे की वेटलिस्ट से जूझते हैं। हम चाहते हैं कि यात्रियों को सफर में कोई परेशानी न हो। इसकी सेवा देश में चल रही सभी ट्रेनों और क्लासेज के लिए उपलब्ध है और जल्द ही बस सेवा भी शुरू होने वाली है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

देश में यात्रियों को लंबा सफर तय करने के लिए फ्लाइट या ट्रेन के ही दो विकल्प मौजूद हैं। लेकिन अक्सर फ्लाइट का टिकट थोड़ा महंगा होने के चलते यात्री ट्रेन से ही सफर करना पसंद करते हैं। इसके लिए टिकट बुक कराना होता है और फिर इसके बाद आपको चार्ट तैयार होने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है और यदि टिकट कन्फर्म नहीं होती है तो यात्रा ही रद्द करनी पड़ती है, जिसकी वजह से सारा प्रोग्राम खराब हो जाता है और काम का भी नुकसान होता है।

ऐसे में अगर आपको टिकट कन्फर्म न होने पर अपने गंतव्य पर विमान से जाने का मौका मिले तो कैसा रहेगा? जी हां, ऐसा हो रहा है। दरअसल मुंबई स्थित स्टार्टअप रेलोफाये ने भारत की पहली 'वेस्टलिस्ट और आरएसी प्रोटेक्शन' सेवा शुरू की है, जो भारतीय रेल में बकाया वेटलिस्ट समस्या से निपटने का दावा कर रही है। कंपनी ग्राहकों का रेल टिकट कन्फर्म नहीं होने पर फ्लाइट का टिकट देकर यात्रा पूरी करवाने का दावा करती है।

इसके लिए यात्री को रेलोफाई की वेबसाइट या एप पर जाकर, अपने टिकट का पीएनआर नंबर डालना होगा। वहीं यात्री को एक शुल्क जमा करना होगा, जो हर यात्रा के हिसाब से तय किया गया है। इसके बाद रेलोफाये यात्री के वेटलिस्ट टिकट को ट्रैक करता रहता है। यदि यात्री का टिकट कन्फर्म नहीं होता, तो रेलोफाये यात्री को फ्लाइट का टिकट देकर उसकी यात्रा पूरी करवाता है। वहीं यात्री को ट्रेन के ही दाम पर विमान से यात्रा करने का मौका मिलता है।

एक यात्री दीपिका अग्रवाल ने बताया, "मुंबई से दिल्ली तक सफर करना था और हमारे 6 लोगों के टिकट वेटलिस्ट के थे। उस समय तत्काल टिकट का दाम 4000 था और मार्केट में फ्लाइट का एक टिकट 5000 रुपये का पड़ रहा था। हमारे टिकट आखिरी वक्त में भी कन्फर्मेशन नहीं हुए। लेकिन हमने रेलोफाये से वेटलिस्ट प्रोटेक्शन लिया था। चार्ट बनने के बाद हमें सिर्फ 2000 रुपये में फ्लाइट का टिकट मिल गया। हमने इस एप के माध्यम से अपना सफर पूरा किया।"

रेलोफाये की संस्थापक टीम से रोहन ने बताया, "लगभग 30 करोड़ भारतीय हर साल रेलवे की वेटलिस्ट से जूझते हैं। हम चाहते हैं कि यात्री को अपने सफर में कोई परेशानी न हो। जनवरी 2020 से हमने इसे शुरू किया और पहले कुछ महीने में ही करीब 100 यात्रियों ने हमारे माध्यम से अपना सफर पूरा किया।"

रेलोफाये संस्थापक ने बताया, "रेलोफाये की सेवा अभी देश में चल रहीं सभी ट्रेनों और क्लासेज के लिए उपलब्ध है। वहीं कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी मजदूरों ने हमारी सुविधा का लाभ उठाया। जो लोग काम पर फिर से लौट रहे हैं, वे भी हमारे माध्यम से अपना सफर पूरा कर रहे हैं।"
रोहन ने कहा कि जिन यात्रियों का गांव एयरपोर्ट से दूर है, रेलोफाये उन्हें उनके घर से एयरपोर्ट तक पहुंचाने की सुविधा भी देता है। उन्होंने कहा कि रेलोफाये लंबे सफर को आसान बनाने के साथ ही छोटे मार्गो के लिए बस सुविधा भी देना शुरू कर रहा है, ताकि यात्रियों को कम से कम परेशानी हो।

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