‘निवार’ के बाद तमिलनाडु और केरल पर नया खतरा, अब ‘बुरेवी’ चक्रवात बरपा सकता है कहर

मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवात 2 दिसंबर को श्रीलंका के तट को पार करेगा और इस वजह से तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश हो सकती है। एहतियात के तौर पर समुद्र में जाने वाले मछुआरों को सोमवार शाम तक तट पर लौटने को कहा गया है।

फोटोः IANS
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आसिफ एस खान

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात पनप रहा है, जिससे तमिलनाडु और केरल प्रभावित हो सकते हैं। इस चक्रवात को बुरेवी नाम दिया गया है। हाल ही में चक्रवात निवार ने दक्षिणी राज्यों में कहर बरपाया है और अभी उसे गुजरे एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि एक और चक्रवात का खतरा मंडराने लगा है।

मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवात 2 दिसंबर को श्रीलंका के तट को पार करेगा और इस वजह से तमिलनाडु और केरल में भारी बारिश हो सकती है। एहतियात के तौर पर समुद्र में जाने वाले मछुआरों को सोमवार शाम तक तट पर लौटने को कहा गया है। मौसम विभाग ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे डिप्रेशन के अगले 12 घंटों के दौरान और गहरा और तेज होने की संभावना है और अगले 24 घंटे के दौरान इसके एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने कहा, "इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 2 दिसंबर की शाम या रात के दौरान श्रीलंका तट को पार करने की प्रबल संभावना है। इसके बाद चक्रवात के पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और 3 दिसंबर की सुबह कोमोरिन क्षेत्र में इसका प्रभाव पड़ने के आसार हैं। जब यह शक्तिशाली चक्रवात में बदल जाएगा तो इसे 'बुरेवी' कहा जाएगा।”

विभाग के अनुसार 2 और 3 दिसंबर को दक्षिण तमिलनाडु के कन्याकुमारी, तिरुनेलवेली, थुथुकुडी, तेनकासी, रामनाथपुरम और शिवगंगा क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखा जा सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण केरल में 3 दिसंबर को बारिश की संभावना बनी हुई है। इस क्षेत्र में कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, पठानमथिट्टा और अलाप्पुझा क्षेत्रों में बारिश हो सकती है।

मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 30 नवंबर से 1 दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में और 1 से 3 दिसंबर तक बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से और पूर्वी श्रीलंका तट से दूर ही रहें। कोमोरिन क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तट इसकी चपेट में आएंगे, जहां इसके 2 से 4 दिसंबर के बीच कहर बरपाने की संभावना है। यही वजह है कि इस दौरान इन इलाकों में समुद्र में नहीं उतरने की सलाह दी गई है। इसके अलावा लक्षद्वीप-मालदीव क्षेत्र और आसपास के दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में तीन से चार दिसंबर तक नहीं जाने की सलाह जारी की गई है।

बता दें कि चार दिन पहले ही 25-26 नवंबर की रात तमिलनाडु-पुडुचेरी के समुद्री तट के आसपास निवार तूफान टकराया था। इसकी वजह से पुडुचेरी, तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में भारी बारिश हुई थी और कई स्थानों पर तेज तूफान की वजह से जान-माल की हानि भी हुई थी। अभी इस निवार को गुजरे एक सप्ताह भी नहीं हुआ है कि दक्षिण भारत के राज्यों में नया कहर गिरने की संभावना है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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