अगले हफ्ते भारत दौरे पर पहुंचेंगे अमेरिका के नए रक्षा मंत्री, राजनाथ से होगी मुलाकात, चीन पर रहेगी नजर

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस दौरे में दोनों पक्षों की ओर से रक्षा सहयोग को मजबूत करने, क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और मुक्त व समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने में आम हितों पर विचार-विमर्श के तरीकों पर चर्चा की उम्मीद है।

फाइल फोटोः Getty Images
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नवजीवन डेस्क

अमेरिका के नए रक्षा मंत्री जनरल लॉयड जे. ऑस्टिन द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए 19 से 21 मार्च तक भारत का दौरा करने वाले हैं। अपनी यात्रा के दौरान जनरल ऑस्टिन के भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सरकार के अन्य वरिष्ठ गणमान्य लोगों से मिलने की उम्मीद है। यह यात्रा शुक्रवार को पहली बार हो रहे इंडो-पैसिफिक क्वाड शिखर सम्मेलन के एक सप्ताह बाद होगी, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रमुख वर्चुअल तरीके से शामिल होंगे। अमेरिकी रक्षा मंत्री जापान और दक्षिण कोरिया भी जाएंगे।

अमेरिका में 20 जनवरी को जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद यह वहां के किसी भी बड़े नेता का पहला उच्चस्तरीय भारत दौरा होगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इस दौरे में दोनों पक्षों की ओर से द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और मुक्त, खुले और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने में आम हितों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के तरीकों पर चर्चा करने की उम्मीद है।

ऑस्टीन के इस दौरे पर रक्षा सहयोग के बारे में चर्चा इस बात पर भी केंद्रित होगी कि दोनों देश सैन्य-से-सैन्य सहयोग (मिल्रिटी-टू-मिल्रिटी को-ऑपरेशन) और रक्षा व्यापार और उद्योग सहयोग को कैसे मजबूत कर सकते हैं। अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत ऑस्टिन की भारत यात्रा भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देने पर केंद्रित होगी।

भारत ने 2007 से अमेरिका के साथ 18 अरब डॉलर के रक्षा सौदे किए हैं। निकट भविष्य में तीनों सेनाओं के उपयोग के लिए अमेरिका के 30 सशस्त्र ड्रोनों के लिए तीन अरब डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। पिछले महीने बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो के दौरान भारत में यूएस डिफेंस अटैची रियर एडमिरल एलीन लाउबाचर ने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए और साथ ही विकासशील खतरों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहा है।

एलीन लाउबाचर ने कहा था कि "जैसा कि हम अपने स्वयं के स्पेस फोर्स का निर्माण कर रहे हैं और स्पेस कमांड को फिर से स्थापित कर रहे हैं, हम भारत और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी के साथ व्यापक सहयोग के लिए तत्पर हैं। यह जरूरी है कि हम दोनों इस उभरते हुए डोमेन में एक साथ काम करें, क्योंकि अंतरिक्ष के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है।"

रियर एडमिरल एलीन ने बढ़ती चीनी आक्रामता और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए उभरते खतरों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज के समय हम पूरे इंडो-पैसिफिक में ताइवान स्ट्रेट से साउथ चाइना सी तक और हिमालय में ऊंचाई पर भारतीय बॉर्डर तक चीन के तेजी से बढ़ते उत्तेजक व्यवहार को देख रहे हैं। उन्होंने चीनी मंसूबों के प्रति चेताते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाई से अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मानदंडों को खतरा है। एलीन ने इस तरह के खतरों से निपटने पर जोर दिया था।

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