निर्भया कांड: दोषियों को जल्द होगी फांसी! इस जेल में फांसी का फंदा बनना शुरू, अफजल के लिए यहीं हुआ था तैयार

मीडिया में ऐसी खबर है कि निर्भया के दोषियों को जिस फांसी के फंदे पर लटकाया जाना है, उसको बनाने का निर्देश दे दिया गया है। खबरों के मुताबिक, बिहार की बक्सर जेल में फांसी के फंदे के लिए रस्सियां तैयार की जा रही हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार के बक्सर सेंट्रल जेल में दोषियों को सजा देने के लिए फांसी का फंदा तैयार हो रहा है। खबरों में ऐसा कहा जा रहा है कि निर्भया के दोषियों के लिए भी फांसी का फंदा यही पर तैयार हो रहा है। अगर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लगी दया याचिका खारिज हो जाती है तो चारों को फांसी देने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो जाएगा। बता दें कि साल 2013 में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को भी फांसी देने के लिए फंदा यहीं से तैयार कर तिहाड़ जेल भेजा गया था।

वहीं बक्सर जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा के मुताबिक, मुझे मेरे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 10 फांसी के फंदे तैयार रखने को कहा गया है। मुझे अभी यह नहीं मालूम कि किस जेल से इन फंदों की मांग की गई है। हमने इस पर काम शुरू कर दिया है। उन्होंने ये जानकारी पीटीआई को दी है।


उन्होंने आगे कहा, “बक्सर जेल में लंबे समय से फांसी के फंदे बनाए जाते हैं और एक फांसी का फंदा 7200 कच्चे धागों से बनता है। उसे तैयार करने में दो से तीन दिन लग जाते हैं जिस पर पांच-छह कैदी काम करते हैं और इसकी लट तैयार करने में मोटर चालित मशीन का भी थोड़ा उपयोग किया जाता है। पिछली बार जब यहां से फांसी के फंदे की आपूर्ति की गई थी यानी अफजल गुरु के लिए तैयार फांसी के फंदे की कीमत 1725 रुपये थी, लेकिन कीमत में हुए इजाफे के कारण फांसी के फंदे की कीमत में थोड़ी बढोतरी हो सकती है।”

जेल आईजी मिथिलेश मिश्रा ने बताया, “फंदे हम अडवांस में तैयार कर रहे हैं ताकि संबंधित जेलों को जरूरत पड़े तो हम तुरंत इसे उपलब्ध करा पाएं। किसी भी दोषी को सजा देने की प्रक्रिया में देरी ना हो।”


गौरतलब है कि बक्सर जेल से ही देश की किसी भी जेल में फांसी देने के लिए फंदा भेजा जाता है। यहां अंग्रेजों के शासनकाल के समय से ही फंदा तैयार किया जाता है। यह फंदा यहां के कैदी और कुशल तकनीकी जानकार तैयार करते हैं। इसको बनाने में सूत का धागा, फेविकोल, पीतल का बुश, पैराशूट रोप आदि का इस्तेमाल होता है। जेल के अंदर एक पावरलुम मशीन लगी है, जो धागों की गिनती कर अलग-अलग करती है।

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Published: 09 Dec 2019, 4:05 PM