मौजूदा आयकर कानून को डायरेक्ट टैक्स कोड से बदलने का फिलहाल प्रस्ताव नहीं - निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन कयासों पर पूर्ण विराम लगा दिया है कि सरकार इस बजट में मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट की जगह डायरेक्ट टैक्स कोड का ऐलान करेगी। उन्होंने संसद में कहा कि अभी तो डीटीसी का मसौदा ही तैयार नहीं है।

फोटो : सोशल मीडिया
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उमाकांत लखेड़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इस बात के सिरे से खारिज कर दिया कि वे जो बजट पेश करने वाली हैं उससे जुड़े ‘डायरेक्ट टैक्स कोड’ की जानकारी लीक हो गई है। सीतारमण शुक्रवार को संसद में बजट पेश करेंगी। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा और बीजेपी के सांसद संभाजी छत्रपति और सी एम रमेश द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि, “इस तरह का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।” उन्होंने कहा कि डायरेक्ट टैक्स कोड पर अभी काम चल रहा है।

संसद में वित्त मंत्री का इस तरह का जवाब देना, वह आम बजट पेश होने से सिर्फ तीन दिन पहले, क्या बजट के एक अहम और मुख्य पहलू को उजागर करना नहीं है। हालांकि सीतारमण ने अपने जवाब में बहुत सारी जानकारियां शामिल करते हुए बताया कि सरकार ने प्रत्यक्ष करों के कानून को आसान बनाने के लिए काफी गंभीर कदम उठाए हैं, इसमें आयकर कानून 1961 में बदलाव भी शामिल है ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके और टैक्स जमा करने वालों की संख्या बढ़ाई जा सके।


उन्होंने बताया कि नवंबर 2017 में एक टास्क फोर्स बनाकर उसे नया डायरेक्ट टैक्स कोड तैयार करने का काम सौंपा गया था, लेकिन इस टास्क फोर्स ने कई बार एक्सटेंशन के बाद भी अभी तक अपनी सिफारिशें पेश नहीं की हैं। हालांकि इस टास्क फोर्स को नए सिरे से भी बनाया जा चुका है और उसमें नए लोगों को भी शामिल किया गया है। सीतरमण ने बताया कि अभी 24 जून, 2019 को ही टास्क फोर्स को नई टर्म्स ऑफ रिफ्रेंस का जिम्मा दिया गया है, जिसके चलते नए डायरेक्ट टैक्स कोड को तैयार होने में समय लग सकता है।

वित्त मंत्री ने बताया कि टास्क फोर्स को 31 जुलाई तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिए कहा गया है। लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि यह रिपोर्ट अंतरिम होगी या फिर अंतिम, क्योंकि अभी एक सप्ताह पहले ही उन्हें टर्म्स ऑफ रिफ्रेंस का जिम्मा सौंपा गया है।

गौरतलब है कि डायरेक्टर टैक्स कोड लागू होने के बाद, मौजूदा आयकर कानून की जगह ले लेगा। लेकिन, चूंकि टास्क फोर्स की रिपोर्ट बजट पेश होने के बाद आनी है, इसलिए कम से कम इस बार के बजट में तो इसे शामिल नहीं ही किया जाएगा और इसके लागू होने के लिए अगले साल का इंतज़ार करना होगा। टास्क फोर्स की रिपोर्ट आने के बाद सरकार इस मुद्दे पर एक ड्राफ्ट प्रस्ताव लाएगी और उस पर चर्चा होगी, इसके बाद ही इसे बजट में शामिल किया जा सकता है।


मोदी सरकार ने चार साल पहले जीएसटी लागू करने की कवायद तेज़ करते हुए इसे एक देश एक टैक्स का नाम दिया था, साथ ही सरकार ने डायरेक्ट टैक्स कोड लागू करने की बात भी की थी, लेकिन इस पर फिलहाल काम चल रहा है।

बहरहाल निर्मला सीतारमण ने डायरेक्ट टैक्स कोड को लेकर लगाए जा रहे कयासों को खारिज कर दिया है, ऐसे में अब संभावना है कि कुछ समय के लिए वे आयकर दरों में कुछ फेरबदल करें।

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