पीएम मोदी की अहम बैठक से नीतीश कुमार ने किया किनारा, नीति आयोग के मंथन से केसीआर भी रहे नदारद

नीतीश के बारे में कहा गया कि वह हाल में कोरोना से उबरे हैं, इसीलिए वह आज की बैठक में शामिल नहीं हुए। वहीं तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने सहित कई आरोप लगाते हुए विरोध दर्ज कराने के लिए बैठक का बहिष्कार किया।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की 7वीं संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक रविवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित हुई। इस बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। लेकिन दो बड़े नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बैठक में शामिल नहीं हुए, जो चर्चा का विषय बन गया। खास बात ये है कि इससे पहले पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक से भी नीतीश कुमार नदारद रहे थे।

हालांकि, नीतीश की गैरमौजूदगी पर सवाल उठने पर कहा गया किवह कारणों से शामिल नहीं हो सके। नीतीश कुमार हाल ही में कोविड-19 से उबरे हैं, इसीलिए उन्होंने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने सहित कई आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार किया। केसीआर ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि यह निर्णय तेलंगाना सहित राज्यों के खिलाफ केंद्र के कथित भेदभाव के खिलाफ उनके विरोध को चिह्न्ति करने के लिए है।


नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की यह बैठक जुलाई 2019 के बाद से पहली व्यक्तिगत बैठक है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विस्तार से चर्चा की। नीति आयोग की इस बैठक में राज्यों और केंद्र सरकार के बीच सहयोग और एक नई दिशा में काम करने के लिए तालमेल बैठाने को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। इसके अलावा बैठक में अन्य मुद्दे जैसे फसल विविधीकरण, कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शहरी शासन समेत कई अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की गई।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान कोयला सहित मुख्य खनिजों पर रायल्टी रेट में संशोधन का आग्रह किया। उन्होंने नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों पर 12,000 करोड़ रुपये के खर्च की प्रतिपूर्ति की भी मांग की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की तारीफ भी की।


गौरतलब है कि नीति आयोग के शीर्ष निकाय परिषद में सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के लेफ्टिनेंट गवर्नर और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्री नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। आज की बैठक के एजेंडे में फसल विविधीकरण और तिलहन और दलहन और कृषि-समुदायों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-स्कूली शिक्षा का कार्यान्वयन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-उच्च शिक्षा का कार्यान्वयन और शहरी शासन में आत्मनिर्भरता हासिल करना शामिल है।

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