जातीय जनगणना की मांग कर घिरे नीतीश कुमार, तेजस्वी ने पूछा- मोदी सरकार नहीं मानी तो क्या करेंगे
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने आज कहा कि जाति आधरित जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की बात कही। नीतीश ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब जातीय जनगणना के समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने शनिवार को ट्वीट करते हुए जातीय जनगणना को जरूरी करार दिया। हालांकि इस बयान पर मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने उन्हें घेर लिया है। आरजेडी ने केंद्र सरकार के इस मुद्दे पर नहीं मानने पर उनके कदम के बारे में सवाल किया है।
बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी इस मुद्दे को कई बार उठा चुकी है। सीएम नीतीश कुमार का ट्वीट आने के बाद बिहार के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार अगर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार को यह भी याद दिलाया कि केंद्र सरकार में आपकी भी हिस्सेदारी है।
नीतीश कुमार के ट्वीट के जवाब में तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा, "मुख्यमंत्री जी, केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना पर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? हमारी मांग पर बिहार विाानसभा में सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित किया गया था। केंद्र सरकार में आपकी हिस्सेदारी है। आपके कैबिनेट मंत्री हैं, फिर भी अनुनय विनय कर रहे हैं?"
बता दें कि इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि हमलोगों का मानना है कि जाति आधरित जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की बात कही। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए।
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