धीरेंद्र शास्त्री के ‘हिंदू राष्ट्र’ पर नीतीश कुमार का जवाब- यह संभव ही नहीं, हर धर्म का बराबर सम्मान

पटना के नौबतपुर के तरेत मठ में प्रतिदिन चल रही हनुमंत कथा के दौरान मंगलवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं का उत्साह देखते हुए कहा कि उनका हिंदू राष्ट्र का संकल्प बिहार से पूरा होता दिख रहा है।

धीरेंद्र शास्त्री के ‘हिंदू राष्ट्र’ पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह संभव ही नहीं
धीरेंद्र शास्त्री के ‘हिंदू राष्ट्र’ पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह संभव ही नहीं
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नवजीवन डेस्क

इन दिनों बिहार में डेरा डाले हुए बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री के एक बार फिर हिंदू राष्ट्र का राग छेड़ने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि यह संभव नहीं है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कोई कैसे यह सब बोलता है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या देश का नाम बदल दीजिएगा।

दरअसल पटना के नौबतपुर के तरेत मठ में प्रतिदिन चल रही हनुमंत कथा के दौरान मंगलवार को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए कहा कि उनका हिंदू राष्ट्र का संकल्प बिहार से पूरा होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार की आबादी करीब 12 से 13 करोड़ है। यदि सिर्फ 5 करोड़ लोग ही अपने मस्तक पर तिलक लगाकर निकलें और अपने घरों पर धर्म ध्वज लगा लें तो भारत हिंदू राष्ट्र बनने की तरफ अग्रसर हो जाएगा।


धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि अगर आपके घर के बाहर धर्म ध्वज रहेगा तो हनुमान जी स्वयं आपकी रक्षा करेंगे। उन्होंने लोगों से अपनी संस्कृति बचाने का आह्वान करते हुए कहा कि मैं तो प्राण दांव पर लगाकर तुम्हे जगाने आया हूं। उन्होंने कहा कि जब तक तुमलोग जग नहीं जाओगे, तब तक जगाते ही रहूंगा। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस का पाठ, मस्तक पर तिलक और घर के बाहर ध्वज हर एक सनातनी को लगाना चाहिए। अगली बार वह जब भी बिहार कथा करने आएं तो बिहार राममय नजर आए।

इस पर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या यह कभी संभव है। कोई ऐसा कर सकता है क्या। हम लोगों को आश्चर्य लगता है, कैसे कोई ऐसा बोल देता है। किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। सबको अपने ढंग से पूजा करने का अधिकार है। किसी को धर्म के बीच में इंटरफेयर नहीं करना चाहिए। जितने भी धर्म के मानने वाले लोग हैं उनकी इज्जत है। कोई रुकावट नहीं है। नीतीश ने साफ कहा कि देश के संविधान का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।

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