महाराष्ट्र विधान भवन में सत्र के दौरान आगंतुकों का प्रवेश वर्जित, परिसर में झड़प के बाद स्पीकर का आदेश
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि सत्र के दौरान मंत्रियों को विधानमंडल परिसर में आधिकारिक बैठकें करने और आगंतुकों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। नार्वेकर ने कहा कि संबंधित विधायकों को उनके साथ आए व्यक्तियों के आचरण के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।

महाराष्ट्र विधानसभा भवन में बीजेपी विधायक और एनसीपी (एससीपी) विधायक के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई के एक दिन बाद स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधानमंडल के सत्र के दौरान विधान भवन में आगंतुकों का प्रवेश वर्जित कर दिया है। इस दौरान केवल मंत्रियों, विधायकों, आधिकारिक तौर पर नामित उनके निजी सचिवों और सरकारी अधिकारियों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी।
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में यह घोषणा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र अव्हाड और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच विधान भवन के अंदर हुई झड़प के एक दिन बाद की। इससे एक दिन पहले, दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी।
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि विधानमंडल आचार समिति गठित करने पर एक सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान मंत्रियों को विधानमंडल परिसर में आधिकारिक बैठकें करने और आगंतुकों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। नार्वेकर ने कहा कि संबंधित विधायकों को उनके साथ आए व्यक्तियों के आचरण के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा।
पडलकर और अव्हाड, दोनों ने अपने समर्थकों के बीच हुई झड़प को लेकर सदन में खेद व्यक्त किया था। नार्वेकर ने कहा कि विधायक अव्हाड और पडलकर के सहयोगी नितिन देशमुख और सरजेराव टाकले, जो गुरुवार को झड़प में शामिल थे और जिन्हें राज्य विधानमंडल के सुरक्षाकर्मियों ने हिरासत में ले लिया था, को सदन के विशेषाधिकार हनन के आरोप का सामना करना पड़ेगा।
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