किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों से आपत्ति नहीं, बोले दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, कहा- संसद मार्च पर किसानों से बात करेंगे

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना आज दिल्ली में वीमेन प्रेस कोर में पत्रकारों के साथ संवाद कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में महिला पुलिसकर्मियों की भारी कमी पर कहा कि वे इस मुद्दे को समझते हैं और वे इस पर काम कर रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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ऐशलिन मैथ्यू

“किसानों के विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार पर किसी को आपत्ति नहीं है। लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। हम शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछली बार जंतर मंतर पर किसान आए थे और इस पर किसी को एतराज नहीं है।“ यह कहना है दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना का।

अस्थाना ने कहा कि उनके दिल्ली का कार्यभार संभालने से पहले किसानों के खिलाप कई मामले दर्ज हुए हैं, खासतौर से गणतंत्र दिवस की घटनाओं के बाद सेष इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी हैं। उन्होंने कहा, “हमने इन केसों की जांच की है और चार्जशीट तैयार की है।” अस्थाना दिल्ली में वीमेन प्रेस कोर में पत्रकारों के साथ संवाद कर रहे थे।

ध्यान रहे कि किसानों ने ऐलान किया है कि वे 29 नवंबर को संसद तक मार्च निकालेंगे। इसी दिन संसद का शीत सत्र शुरु हो रहा है। अस्थाना ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत करके इस का समाधान निकाला जाएगा।

हालांकि शुरु में 1984 बैच के गुजरात काडर के आईपीएस एफसर राकेश अस्थाना ने दिल्ली दंगों की जांच के बारे में बोलने से इनकार कर दिया था, लेकिन उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई है और किसी के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि, “कोई पक्षपात नहीं है। हम जो भी जांच करते हैं वह अंतिम नहीं होती है। वह जांच अदालत में जाती है और उसका आंकलन होता है। अगर कुछ कमी रह जाती है तो पुलिस फिर से उसे देखत है।”


अस्थाना का ध्यान इस ओर दिलाया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को कुछ लोगों पर चुनकर यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए हैं, अस्थाना ने कहा कि सारे मामले फिलहाल अदालत में हैं। उन्होंने कहा, “जिन मामलों में कार्रवाई हुई है, उनमें पक्षपात नहीं हुआ है। अगर सबूत है तो हमारी चार्जशीट में उसका जिक्र होता है।”

गौरतलब है कि दिल्ली में महिला पुलिस कर्मियों की भारी कमी है और उनका अनुपात पुलिस फोर्स में सिर्फ 12.5 फीसदी है। इस बारे में अस्थाना ने कहा कि वे इस मुद्दे को समझते हैं, क्योंकि केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक महिला पुलिस कर्मियों की संख्या 33 फीसदी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वे इस पर काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि 2025 तक दिल्ली पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की भागीदारी 25 फीसदी हो जाएगी।

हाल के दिनों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोत्तरी पर अस्थाना ने कहा कि, “महिलाओं के दिल्ल की सड़कों पर डरने की जरूरत नहीं है। हम सामुदायिक स्तर पर लोगों को संवेदनशील बना रहे हैं। हमने ऐसे क्षेत्रों की पहचान की है जहां पर्याप्त रोशनी नहीं रहती।” गौरतलब है कि दिल्ली में 2021 के पहले छह महीनों के दौरान महिलाओँ के खिलाफ अपराधों में 63.3 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई है। अस्थाना ने कहा कि हम महिलाओं के लिए दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


अस्थाना ने कहा कि महिलाओँ के मामले में पुलिस वालों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि, “मैं गारंटी देता हूं कि रात के समय पुलिस वाले महिलाओँ से ऐसे सवाल नहीं करेंगे कि कहां से आ रही हो, कहां थी रात में, किसके साथ थीं आदि।” उन्होंने कहा कि मैं इसकी गारंटी देता हूं।

अस्थाना ने साइबर क्राइम के मामलों की जांच में तेजी लाने का भी भरोसा दिया। उन्होंन कहा कि, “यह एक सीमाहीन अपराध है। सबसे बड़ी जरूरत है इसके बारे में समय से रिपोर्ट करना।” उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने इस बारे में हेल्पलाइन शुरु की है और 155260 पर साइबर क्राइम के बारे में रिपोर्ट किया जा सकता है।

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