कोविशील्ड की दो डोज के बीच अब 12 से 16 हफ्ते का गैप, वैक्सीन संकट में सरकार ने लागू की नई सिफारिशें

इसके साथ ही राष्ट्रीय तकनीकी सलाहाकर समूह ने सिफारिश की है कि कोरोना पॉजिटिव हुए लोगों को रिकवरी के 6 महीने के बाद वैक्सीन लगाई जाए। इससे पहले डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमितों को रिकवरी के तीन महीने बाद वैक्सीन लगाने का सुझाव दिया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

देश में कोरोना वैक्सीन की किल्लत के बीच टीकाकरण पर बनाई गई राष्ट्रीय तकनीकी सलाहाकर समूह (एनटीएजीआई) ने वैक्सीनेशन को लेकर कई सिफारिशें की हैं, जिसे सरकार ने मान लिया है। एनटीएजीआई ने कोविशील्ड की दो खुराक के बीच के अंतर को 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने लागू कर दिया है।

दरअसल, एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि अगर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज देरी से दी जाए तो इससे कोरोना संक्रमण की वजह से मौतें कम होंगी। इस पर विचार के बाद एनटीएजीआई ने कोविशील्ड डोज का अंतराल बढ़ाने की सिफारिशों को राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के पास भेजा, जिसके बाद वैक्सीन की दो खुराक के बीच गैप 6-8 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते कर दिया गया। अभी तक कोविशील्ड की दो डोज के बीच चार से आठ हफ्ते का अंतराल था।


इसके साथ ही एनटीएजीआई ने सिफारिश की है कि कोरोना पॉजिटिव हुए लोगों को रिकवरी के 6 महीने के बाद वैक्सीन लगाई जाए। इससे पहले डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमितों को रिकवरी के तीन महीने बाद वैक्सीन लगाने का सुझाव दिया था। अमेरिका के स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में भी कोरोना से रिकवरी के 90 दिन के बाद वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है।

इसके अलावा एनटीएजीआई ने सुझाव दिया है कि गर्भवती महिलाओं को कोई भी कोरोना वैक्सीन लेने का विकल्प दिया जा सकता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद किसी भी समय टीका लगाया जा सकता है।

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