पीएम के बाद अब अमित शाह बोले, पकौड़े बेचना शर्म की बात नहीं

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह भी मानते हैं कि बेरोजगारों को पकौड़े बेचना चाहिए। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद करीब 70 मिनट लंबे अपने पहले भाषण में अमित शाह ने पिछली सरकारों के कामकाज की आलोचना की।

राज्यसभा टीवी का ग्रैब
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नवजीवन डेस्क

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को संसद में अपना पहला भाषण दिया। राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद यह पहला मौका था जब अमित शाह सदन में बोलने के लिए खड़े हुए। मोदी सरकार के पौने चार साल के शासन में सामने आईं कमियों का ठीकरा उन्होंने पिछली सरकारों पर फोड़ा। वहीं रोजगार की समस्या का समाधान न होने पर उन्होंने कहा कि, “करोड़ों युवा जो छोटे-छोटे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, पकौड़ा बना रहे हैं, उसकी आप भिखारी के साथ तुलना करेंगे। यह किस प्रकार की मानसिकता है। पकौड़ा बनाना कोई शर्म की बात नहीं है।”

उन्होंने कहा कि इसकी भिखारी के साथ तुलना करना शर्मनाक बात है। कोई बेरोजगार पकौड़ा बना रहा है। उसकी दूसरी पीढ़ी आगे आएगी। कोई बड़ा उद्योगपति बनेगी। एक चायवाला प्रधानमंत्री बनकर इस सदन में बैठा है। अमित शाह के इस पहले भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी राज्य सभा में मौजूद थे।

गौरतलब है कि पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने बेरोजगारी और नौकरियों पर सवाल पूछे जाने पर कहा था कि, “अगर कोई पकौड़ा बेचकर रोज दो-ढाई सौ रुपए कमाता है तो उसे भी रोजगार और नौकरी के तौर पर माना जाना चाहिए।” उन्होंने कहा था कि टीवी चैनलके बाहर अगर कोई पकौड़ा बेच रहा है तो क्या वह रोजगार होगा या नहीं?

यह बात कहते समय बीजेपी अध्यक्ष संभवत: उस बात को भूल गए कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उनके नेता ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था।

राज्यसभा में अमित शाह के भाषण पर तीखी प्रतिक्रियाएं आई हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने अपने ट्वीट में किसी रौशनलाल की कविता पोस्ट की है। इसमें लिखा है कि, “प्याज़ में बेसन सान मियां, और पकौड़ी छान मियां…झूठ में है नुकसान मियाँ, बात समय की मान मियाँ…भेस बदल कर आया है, जुमले से पहचान मियाँ…भोली भाली जनता है, शातिर है शैतान मियाँ..फूलों में वो जंग छिड़ी, टूट गया ग़ुलदान मियाँ...”

वहीं आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने ट्वीट किया कि, “अमित शाह का प्रशंसक नहीं हूँ लेकिन आज उनकी ईमानदारी का क़ायल हो गया। संसद में माना कि मोदी सरकार रोज़गार देने में नाकाम रही, इसलिये युवा पकौड़े बेच रहे है । अच्छा होता वो ये भी बताते कि धनिया बेचकर युवा कैसे करोड़ों कमा सकता है ।

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