कोटा में बीटेक छात्र ने की आत्महत्या, यूपी के नीट अभ्यर्थी की बीमारी से मौत, एक अन्य छात्र लापता

कोटा में पिछले कुछ साल से जेईई और एनईईटी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों की आत्महत्या के मामले में वृद्धि देखी गई है। कोटा में इस साल चार कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की है, जबकि पिछले साल 29 जेईई और नीट अभ्यर्थियों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी।

कोटा में बीटेक छात्र ने की आत्महत्या, यूपी के नीट अभ्यर्थी की बीमारी से मौत, एक अन्य लापता
कोटा में बीटेक छात्र ने की आत्महत्या, यूपी के नीट अभ्यर्थी की बीमारी से मौत, एक अन्य लापता
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान के कोटा में छात्रों की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसी कड़ी में रविवार को कोटा में बी.टेक के एक छात्र ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं रविवार को ही उत्तर प्रदेश के एक नीट अभ्यर्थी की बीमारी के कारण मौत हो गई। जबकि जेईई अभ्यर्थी एक अन्य छात्र पिछले एक सप्ताह से लापता है। 

देश के कोचिंग हब कोटा में छात्र की आत्महत्या की घटना रविवार को कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के अंबेडकर नगर में हुई। कुन्हाड़ी थाना के सब-इंस्पेक्टर राजाराम ने बताया कि परिवार अंबेडकर नगर में रहता है। बड़ा बेटा रोहित (23) जालंधर से बी.टेक कर रहा था। वह मानसिक रूप से बीमार था और पिछले दो-तीन साल से उसका इलाज चल रहा था। शनिवार 17 फरवरी को उसके माता-पिता एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने लखनऊ गए थे। रोहित घर पर अकेला था।

पुलिस के अनुसार, उसने रविवार तड़के करीब चार बजे अपने पिता को फोन किया और कहा कि वह अपनी जिंदगी से तंग आ चुका है। उसके पिता ने उसे वापस फोन किया लेकिन उसने फोन का जवाब नहीं दिया। उसके पिता ने फिर अपने पड़ोसी को फोन किया जो घर में गया और रोहित को कई बार बुलाया, लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला।

मृतक के पिता राजेश माथुर ने कहा, "मैं तुरंत अपनी पत्नी के साथ लखनऊ से निकला और रविवार शाम छह बजे कोटा पहुंचा। जब मैं घर पहुंचा, तो मैंने देखा कि रोहित अपने कमरे में लटका हुआ है। पुलिस उसे एमबीएस अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। रोहित का छोटा भाई अहमदाबाद में पढ़ता है।


एक दूसरी घटना में उत्तर प्रदेश के एक नीट अभ्यर्थी की बीमार पड़ने के बाद राजस्थान के कोटा में मौत हो गई। उत्तर प्रदेश के छात्र की पहचान अलीगढ़ के 21 वर्षीय शिवम राघव के रूप में हुई है। वह पिछले तीन साल से कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट की तैयारी कर रहा था। कुन्हारी थाना के उप-निरीक्षक राजाराम ने बताया कि राघव पिछले छह महीने से मधुमेह और रक्तचाप से पीड़ित था। शुक्रवार को उनकी हालत बिगड़ने पर एमबीएस अस्पताल ले जाया गया।

उन्होंने बताया कि राघव की हालत लगातार बिगड़ती गई जिसके बाद उसे आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां रविवार को उसकी मौत हो गई। राघव की मौत पिछले चार दिनों में कोटा में किसी कोचिंग छात्र की बीमारी से हुई दूसरी मौत है। दोस्तों के साथ डिनर करने के बाद गुरुवार को जेईई अभ्यर्थी परमीत राज रॉय की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। उसके पिता राजीव रंजन रॉय ने मौत के कारण का पता लगाने के लिए जांच की मांग की है।

इसके अलावा पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जेईई का एक छात्र पिछले आठ दिन से लापता है। मध्य प्रदेश (राजगढ़) का 16 वर्षीय छात्र रचित सौंधिया एक परीक्षा देने के बहाने छात्रावास से निकला था, लेकिन वह आठ दिन से वापस नहीं आया है। वह पिछले एक साल से कोटा में जेईई की तैयारी कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि छात्र की आखिरी लोकेशन गार्डिया महादेव मंदिर इलाके में मिली थी।

अधिकारियों ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर पुलिस की अलग-अलग टीमें छात्र की तलाश में जुटी हैं। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उसका बैग और चप्पल पास की चंबल नदी में पाए गए। चंबल में मगरमच्छ, बीहड़ हैं, इसलिए जब तक हमें कोई पुष्टि नहीं मिल जाती, तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता।


इस बीच, निवर्तमान एसपी शरत चौधरी ने बताया कि कोचिंग छात्रों को पढ़ाई के दबाव में फंसा और फिर आत्महत्या करते देखना दुःखद है। इस बार जब जेईई का रिजल्ट घोषित होना था तो छात्रों की आत्महत्या, उनकी बीमारी और लापता होने के मामले सामने आए। कभी-कभी, हमें लगता है कि परिणाम घोषित होने से एक सप्ताह पहले इन छात्रों को उनके मूल स्थानों पर भेजने की आवश्यकता है ताकि उन्हें अपने माता-पिता से भावनात्मक समर्थन मिल सके। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिणाम क्या है, कम से कम, उनके पास एक सपोर्ट होगा।

 कोचिंग हब के रूप में विख्यात हो चुके कोटा में पिछले कुछ साल से जेईई और एनईईटी समेत अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के उम्मीदवारों के आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखी गई है। कोटा में इस साल चार कोचिंग छात्रों ने आत्महत्या की है, जबकि पिछले साल 29 जेईई और नीट उम्मीदवारों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।

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