अब शहीदों को आर्थिक मदद से भी बचने की तैयारी, विहिप ने हर भारतीय के खाते से ऑटो डेबिट का सुझाव दिया

अगर विहिप का सुझाव मान लिया गया तो सरकार एक ऐसा तंत्र स्थापित कर सकती है, जिसमें खाता धारकों से एक बार स्थायी सहमति मिलने पर हर बार जवानों की शहादत पर खाते से 1.25 रुपये की रााशि ऑटो डेबिट की जा सकेेगी। विहिप ने इस बारे में वर्चुअल पोल में 95 फीसद का समर्थन का दावा किया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

आपने क्रेडिट कार्ड बिल, बिजली के बिल और यहां तक की टीवी रिचार्ज के लिए ऑटो डेबिट सुविधा के बारे में सुना होगा। लेकिन क्या आपने वित्तीय सहायता के लिए ऑटो डेबिट के बारे में सुना है? और खासकर देश के लिए शहीद जवानों की आर्थिक मदद के लिए? अगर पीएम मोदी ने विश्व हिंदू परिषद का सुझाव मान लिया तो आने वाले दिनों में ऐसा हो भी सकता है।

दरअसल लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैंनिकों से झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के परिप्रेक्ष्य में विश्व हिंदू परिषद ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि जब भी किसी सैनिक का बलिदान हो, तो भारत के प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते से, उसकी एक बार की स्थायी स्वीकृति के आधार पर, स्वत: ही सवा रुपया कटकर, बलिदानी सैनिक के खाते में सीधे चला जाए। देश में करोड़ों बैंक खाते हैं, जिससे करोड़ो रुपये सैनिक के खाते में जाएंगे।

अगर विहिप का यह सुझाव माना गया तो, सरकार एक ऐसा तंत्र स्थापित कर सकती है, जिसमें खाता धारकों से एक बार सहमति मिलने पर हर बार प्रत्येक भारतीय जवानों की शहादत पर खाते से 1.25 रुपये की रााशि ऑटो डेबिट की जा सकेेगी। विहिप ने इस बारे में पहले ही वर्चुअल पोल भी करा लिया है, जिसमें 95 प्रतिशत उत्तरदाताओं के समर्थन का दावा किया गया है।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, "देश में करोड़ों बैंक खाते हैं। मेरा सुझाव है कि जब भी किसी सैनिक का बलिदान हो, भारत के प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते से, उसकी एक बार की स्थायी स्वीकृति के आधार पर, स्वत: ही सवा रुपया कटकर, बलिदानी सैनिक के खाते में सीधे चला जाए तो उस अमर आत्मा को देश का प्रत्येक व्यक्ति अपनी सार्थक और सच्ची श्रद्धांजलि दे सकेगा। इससे न सिर्फ प्रत्येक नागरिक सीधे रूप से उस महान परिवार के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर सकेगा, बल्कि सम्पूर्ण देश से एक साथ परिवार को वित्तीय सहायता दी जा सकेगी।"

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