पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर बिना छुए हाथों से दूर होगा विषाणु, कबाड़ से तैयार मशीन देगी कोरोना को मात

कोरोना वायरस के संकट काल में वाराणसी के मंडुआडीह कारखाने के इंजीनियरों ने कॉंटेक्टलेस सैनिटाइजर मशीन यानी बिना छुए संक्रमण मुक्त होने की मशीन तैयार की है। कबाड़ से तैयार ये कॉंटेक्टलेस सैनिटाइजर मशीनें बिना किसी लागत के बनी हैं। इन्हें पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर लगाया जाएगा।

फोटोः IANS
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आईएएनएस

जल्द ही आपको पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर ऐसी मशीन देखने को मिलेंगी, जिनसे बिना छुए ही आपके हाथ संक्रमण मुक्त हो जाएंगे। इसे वाराणसी में मंडुआडीह कारखाना के इंजीनियरों ने बनाया है। इसे कॉंटेक्टलेस सैनिटाइजर मशीन नाम दिया गया है।

कोरोना वायरस के संकट काल में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के मंडुआडीह कारखानों के इंजीनियरों ने कॉंटेक्टलेस सैनिटाइजर मशीन यानी बिना छुए संक्रमण मुक्त होने की मशीन तैयार की है। इसके माध्यम से यात्री या रेलकर्मी बिना छुए अपने हाथ धो सकेंगे।

रेलवे के सीनियर डिविजनल मैकेनिकल इंजीनियर एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि वाराणसी के मंडुआडीह कारखाने में कोंचिंग डिपो अधिकारी शैलेश सिंह के नेतृत्व में यह मशीनें तैयार हुई हैं। अभी फिलहाल 8 मशीनें बनी हैं। जिसमें 5 तैयार हो चुकी हैं। बाकी भी तैयार हो रही है। यह पैरों से बिना छुए ही सैनिटाइज कर देंगी।"

एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि कॉंटेक्टलेस सैनिटाइजर मशीन बिना किसी लागत के तैयार हुई हैं। उन्होंने कहा, “कोचेस में पूर्वोत्तर रेलवे के मंडुआडीह कारखाने के इंजीनियरों ने ये मशीनें कबाड़ आइटम से बनाई हैं। इसमें पाइप, एंगल, रॉड का जुगाड़ करके बनाया गया है। आठ मशीनें तैयार कर दी गई हैं और अभी तैयार की जा रही हैं। इन्हें पूर्वोत्तर रेलवे के मऊ, छपरा, बलिया, आजमगढ़, मडुवाडीह, गाजीपुर आदि स्टेशनों पर लगाया जाएगा। जहां आवश्यकता होगी, वहां दिया जाएगा। इन मशीनों को दो दिन में बनाया गया है।"

श्रीवास्तव ने बताया, "कोरोना संकट के हुए लॉकडाउन में हमारे इंजीनियरों ने बहुत उपयोगी चीज बनायी है। बिना लागत के बनने वाली यह मशीन स्टेशनों में यात्रियों और रेलवे कर्मियों के लिए बहुत उपयोगी सिद्घ होगी। इसके अलावा अभी इंजीनियरों ने कारखानों में पड़े अनुपयोगी सामानों से मनमोहक कलातियां भी तैयार की हैं, जो रेलवे की गैलरियों की शोभा बढ़ा रही हैं।"

उन्होंने बताया कि कारखानों में रेलकर्मी सुरक्षा उपकरणों के साथ शारीरिक दूरी का पालन करते हुए कार्य करेंगे। उससे पहले सैनिटाइज भी हो जाएंगे। अभी रेलवे कुछ ट्रेनें संचालित कर रहा है। आगे आने वाले समय में ज्यादा ट्रेने चलेंगी, जिससे भीड़भाड़ होगी। ऐसे में यह उपकरण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए काफी कारगर होगा।

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