पीएम मोदी ने जिस मनरेगा को बताया था बड़ी गलती, कोरोना काल में उसकी बढ़ी डिमांड! युवा भी जमकर मांग रहे काम

कोरोना काल में मनरेगा से जुड़े कामों की डिमांड में उछाल आया है। अप्रैल में इसके तहत 12,841,359 लोगों ने काम मांगा, जबकि मई में इसमें 181 फीसदी का उछाल आया और मनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या बढ़कर 36,155,787 हो गई।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। फैक्ट्रियों और कंपनियों के बंद हो जाने की वजह से कामगार लोग अपने घर जाने को मजबूर हुए। इनमें से कई लोगों के लिए यूपीए सरकार के दौरान शुरू की गई मनरेगा योजना Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme (MGNREGS) सहारा बन रहा है। जनसत्ता की खबर के मुताबिक कोरोना काल में मनरेगा से जुड़े कामों की डिमांड में उछाल आया है। अप्रैल में इसके तहत 12,841,359 लोगों ने काम मांगा, जबकि मई में इसमें 181 फीसदी का उछाल आया और मनरेगा के तहत काम मांगने वालों की संख्या बढ़कर 36,155,787 हो गई।

यह वृद्धि तब हुई है जब, कोरोना संक्रमण फैलने के मद्देनजर कड़े लॉकडाउन के दौरान असंख्य लोगों की नौकरी चली गई थी। नतीजतन श्रमिक ट्रेनें चलने के बाद प्रवासी मजदूर, कामगार और श्रमिक महानगरों से लौटकर गृह राज्यों को आए, तो उन्होंने गुजर-बसर के लिए MGNREGS से जुड़े कामों की ओर रुख किया।


यही वजह है कि अब युवा भी MGNREGS के तहत काम चाहते हैं और वे ऐसा कर भी रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 9.82 फीसदी लोग 18 से 30 बरस के बीच के हैं। 31.14 प्रतिशत लोग 31 से 40 साल के हैं। 30.03 फीसदी लोग 41 से 50 वर्ष के आयु वर्ग के हैं। 19.27 प्रतिशत लोग 51-60 साल के बीच हैं। 9.39 प्रतिशत लोग 61 से 80 के बीच हैं, जबकि 0.35 लोग 81 साल के ऊपर के हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 08 Jun 2020, 1:18 PM