ओडिशा: जब गरीब महिला का अंतिम संस्कार करने से लोगों ने किया इनकार तो बीजेडी विधायक ने शव को दिया कांधा

बीजेडी विधायक रमेश पटुआ ने बताया कि गांवों में ऐसी धारणा है कि अगर कोई दूसरी जाति के व्यक्ति का शव छूता है तो उसे अपनी जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है। यही वजह है कि लोग महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

ओडिशा के झारसुगुडा में बीजेडी विधायक रमेश पटुआ ने एक ऐसी महिला का आंतिम संस्कार करवाया, जिसका समाज के लोग अंतिम संस्कार करना तो दूर छूने तक के लिए तैयार नहीं थे। यह मामला झारसुगुडा के अमनापली गांव का है। यहां पर भीख मांगने वाली एक महिला की मौत गई थी। महिला की मौत के बाद समाज के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। महिला अपने देवर के साथ एक झोपड़ी में रहती थी। लेकिन महिला के देवर की भी तबीयत इतनी खराब थी कि वह इस हालत में नहीं था कि अंतिम संस्कार कर सके।

महिला की मौत के दूसरे दिन जब इस बात की खबर बीजेडी विधायक रमेश पटुआ को लगी तो वे मौके पर गए और समाज के लोगों से महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए अपील की, लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। इसेक बाद विधायक रमेश पटुआ ने अपने बेटे और भतीजे को बुलाया और शव को कांधा देकर श्मशान भूमि ले गए और अंतिम संस्कार करवाया।

मीडिया से बता करते हुए बीजेडी विधायक ने कहा कि गांवों में ऐसी धारणा है कि अगर कोई दूसरी जाति के व्यक्ति का शव छूता है तो उसे अपनी जाति से बहिष्कृत कर दिया जाता है। यही वजह है कि लोग महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia


Published: 05 Aug 2018, 11:33 AM