ओडिशा कांग्रेस ने दलितों पर हमले की जांच के लिए समिति बनाई, प्रियंका ने कहा- घटना संविधान का अपमान

प्रियंका गांधी ने कहा कि ओडिशा में जिस तरह से दो दलित युवकों पर अत्याचार किया गया वह बहुत शर्मनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ना चिंता का कारण है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

ओडिशा कांग्रेस ने दलितों पर हमले की जांच के लिए समिति बनाई, प्रियंका ने कहा- घटना संविधान का अपमान
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस ने मंगलवार को ओडिशा के गंजाम जिले में मवेशियों की तस्करी के संदेह में दो दलित पुरुषों के साथ हुए कथित अमानवीय व्यवहार पर नाराजगी जताई और मामले की जांच के लिए एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया। कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी ने हमले को बाबा साहेब के संविधान और समानता, न्याय एवं मानवता के उच्च मूल्यों का अपमान बताया और आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं।

प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर लिखा कि ओडिशा में जिस तरह से दो दलित युवकों पर अत्याचार किया गया वह बहुत शर्मनाक है और उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में (इस प्रकार की) घटनाएं बढ़ना चिंता का कारण है। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

पुलिस के अनुसार ओडिशा में मवेशी तस्करी के संदेह में दो दलित युवकों का कथित तौर पर सिर मुंडवा कर, उन्हें घास खिलाई गई, घुटनों के बल चलाया गया और नाली का पानी पीने को मजबूर किया गया।। इस घटना के सिलसिले में नौ लोग गिरफ्तार किये गये हैं। घटना रविवार को धारकोट थाना क्षेत्र के अंतर्गत खरिगुमा गांव के जहादा में हुई। दलित युवकों के साथ हुई इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है।

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने सोमवार रात को इस घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस विधायक दल के नेता रामचंद्र कदम करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष लालतेंदु महापात्र, विधायक रमेश जेना, महासचिव सुबर्णा नायक और सचिव तुलेश्वर नायक शामिल हैं।पार्टी के एक नेता ने बताया, "समिति को गांव जाकर पीड़ितों से सीधे बातचीत कर प्रदेश कांग्रेस को तत्काल रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।"


घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसकी राजनीतिक क्षेत्र में कड़ी आलोचना हुई। पुलिस के अनुसार, पीड़ित बाबुला नायक (54) और बुलु नायक (42) सिंगीपुर गांव के निवासी हैं और वे हरियोर से अपने गांव लौटते समय एक वाहन में दो गाय और एक बछड़े को लेकर जा रहे थे। इसी दौरान उन्हें कुछ स्वघोषित 'गौरक्षकों' ने खरिगुमा में रोक लिया और उन पर गो-तस्करी का आरोप लगाया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, "भीड़ ने दोनों से 30,000 रुपये की मांग की। जब उन्होंने पैसे देने से मना किया तो उन्हें पीटा गया और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। उन्हें एक सैलून ले जाया गया, जहां उनके बाल मुंडवा दिए गए। बाद में उन्हें एक किलोमीटर तक घुटनों के बल रेंगने, घास खाने और नाली का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया।"

किसी तरह से बच के निकलने के बाद दोनों पीड़ितों ने रविवार शाम को धारकोट थाने में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पीड़ितों के अनुसार, वे मवेशियों को बाबुला की बेटी की शादी में पारंपरिक भेंट के रूप में ले जा रहे थे। अधिकारी ने बताया कि दो दलित व्यक्तियों के साथ मारपीट और उनका आंशिक रूप से सिर मुंडवाने के आरोप में नौ लोगों को हिरासत में लिया गया है।

गंजाम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुवेंदु कुमार पात्रा ने बताया कि इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि हमलावरों का उद्देश्य गायों की रक्षा करना नहीं बल्कि पीड़ितों से जबरन वसूली करना था। एसपी ने कहा, “मामले में जांच जारी है और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

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