ओडिशा रेल हादसा: यात्रियों ने बताया भयावह हादसे का आंखों देखा हाल, कहा- किसी का हाथ कटा था तो किसी का पैर
एक यात्री ने बताया, "हादसे के वक्त मैं सो रहा था। जैसे ही ट्रेन पलटी तो मेरी आंख खुल गई। मेरे ऊपर 10-15 लोग पड़े हुए थे। मैं नीचे दबा हुआ था, मुझे हाथ-पांव पर चोट लगी है। उसके बाद किसी तरह बाहर आकर मैंने देखा कई लोग वहां मरे पड़े थे।

ओडिशा के बालासोर में भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 से ज्यादा घायल हुए हैं। पीड़ितों की मदद के लिए राहत बचाव कार्य जारी है। इस हादसे के वक्त ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने भयावह मंजर के बारे में बताया।
एक यात्री ने बताया, "हादसे के वक्त मैं सो रहा था। जैसे ही ट्रेन पलटी तो मेरी आंख खुल गई। मेरे ऊपर 10-15 लोग पड़े हुए थे। मैं नीचे दबा हुआ था, मुझे हाथ-पांव पर चोट लगी है। उसके बाद किसी तरह बाहर आकर मैंने देखा कई लोग वहां मरे पड़े थे। किसी का हाथ कटा हुआ था, किसी पैर कटा हुआ था। ये बहुत भयानक मंजर था।"
अब तक 233 लोगों की मौत, 900 घायल
बालासोर के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुए रेल हादसे में अब तक 233 लोगों की मौत हो चुकी है और 900 लोग घायल हैं। शुक्रवार को तीन ट्रेनों की टक्कर हुई थी। मौके पर अभी भी बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। NDRF, ODRAF और दमकल विभाग अब भी बोगी को काटने और लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
कब और कैसे हुआ हादसा?
ओडिशा के बालासोर के पास शुक्रवार शाम करीब शाढ़े 7 बजे हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पहले डिरेल होकर बगल वाली पटरी पर पर जा गिरे। दूसरी तरफ से शालीमार से चेन्नई जा रही रोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। हावड़ा और कोरोमंडल एक्सप्रेस में इतनी जोरदार टक्कर हुई कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां भी ट्रैक से उतर कर दूसरी पटरी में आ रही मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे की भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। हादसे की सूचना मिलने के बाद एनडीआरफ और एसडीआरएफ समेत कई टीमें मौके पर पहुंची। कल से ही बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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