ओडिशा रेल हादसा: घायलों को बचाने के लिए लोगों ने दिखाई मानवता, अस्पताल में रक्तदान करने के लिए उमड़ी भीड़

रक्तदान करने आए एक व्यक्ति ने कहा, "लोगों की स्थिति बहुत नाजुक है, कई लोग ऐसे हैं जिनके पैर-हाथ नहीं है। मैंने रक्तदान कर दिया जिससे किसी की जान बच सके और वे अपने घर जा सके।"

अस्पताल में रक्तदान करने के लिए उमड़ी भीड़, फोटो: सोशल मीडिया
अस्पताल में रक्तदान करने के लिए उमड़ी भीड़, फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन के पटरी से उतरने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 238 हो गई है, जबकि कम से कम 900 लोग घायल हुए हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे ने शनिवार को यह जानकारी दी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार सुबह दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घोषणा की कि हादसे की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा एक स्वतंत्र जांच की जाएगी।

घायलों के इलाज के लिए अचानक से खून की डिमांड बढ़ेगी। इलाज के लिए कई यूनिट्स ब्लड की जरुरत होगी, यह जरुरत पूरी हो सके इसके लिए लोगों ने मानवता की मिशाल पेश की है। लोग अपने आप ही अस्पतालों में रक्तदान करने के लिए पहुंच रहे हैं। अस्पताल में रक्तदान के लिए भीड़ उमड़ पड़ी है।

रक्तदान करने आए एक व्यक्ति ने कहा, "लोगों की स्थिति बहुत नाजुक है, कई लोग ऐसे हैं जिनके पैर-हाथ नहीं है। मैंने रक्तदान कर दिया जिससे किसी की जान बच सके और वे अपने घर जा सके।"


कब और कैसे हुआ हादसा?

ओडिशा के बालासोर के पास शुक्रवार शाम करीब शाढ़े 7 बजे हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे पहले डिरेल होकर बगल वाली पटरी पर पर जा गिरे। दूसरी तरफ से शालीमार से चेन्नई जा रही रोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से आ रही थी। हावड़ा और कोरोमंडल एक्सप्रेस में इतनी जोरदार टक्कर हुई कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां भी ट्रैक से उतर कर दूसरी पटरी में आ रही मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे की भयावह तस्वीरें सामने आई हैं। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। हादसे की सूचना मिलने के बाद एनडीआरफ और एसडीआरएफ समेत कई टीमें मौके पर पहुंची। कल से ही बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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