उमर अब्दुल्ला बोले- देर से ही सही, राज्यपाल ने पहलगाम हमले के लिए खुफिया विफलता को जिम्मेदार माना
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब जब विफलता स्वीकार कर ली गई है, तो जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देर से ही सही, लेकिन आखिरकार स्वीकार कर लिया कि पहलगाम हमले के लिए खुफिया विफलता जिम्मेदार थी।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने देर से ही सही, लेकिन आखिरकार स्वीकार कर लिया कि पहलगाम हमले के लिए खुफिया विफलता जिम्मेदार थी। उन्होंने इस आतंकवादी हमले के सिलसिले में जिम्मेदारी तय करने का आह्वान किया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
उमर अब्दुल्ला एक प्रमुख अखबार को दिए साक्षात्कार में सिन्हा की इस कथित टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पहलगाम हमले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं।
उन्होंने श्रीनगर में एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा, "80 दिन बाद ही सही, लेकिन देर आए दुरुस्त आए। हमने यह (पहले) नहीं कहा, जबकि हम जानते थे कि इतना बड़ा हमला (खुफिया) विफलता के बिना नहीं हो सकता।"
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अब जब विफलता स्वीकार कर ली गई है, तो जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "सिन्हा ने शायद कहा है कि खुफिया विफलता हुई थी। अगर ऐसा है, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ऐसा नहीं हो सकता कि 26 लोगों की जान चली जाए और कोई प्रगति न हो। जब हम स्वीकार करते हैं कि खुफिया विफलता हुई है, तो किसी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।"
सोमवार की उस घटना के बारे में पूछे जाने पर, जिसमें पुलिस ने नेताओं को श्रीनगर की केंद्रीय जेल के बाहर 13 जुलाई 1931 को डोगरा सेना द्वारा मारे गए 22 लोगों को नक्शबंद साहिब कब्रिस्तान में श्रद्धांजलि देने से रोकने की कोशिश की, उमर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "ऐसा नहीं होना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण था, क्योंकि हम कोई कानून नहीं तोड़ रहे थे। प्रतिबंध 13 जुलाई के लिए थे, 14 जुलाई के लिए नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए था।"
उन्होंने अपने समर्थन के लिए पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के अपने समकक्षों सहित अन्य नेताओं का आभार व्यक्त किया।
इससे पहले, बोंस एंड जॉइंट्स हॉस्पिटल में एक समारोह को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि उनकी विनम्रता को उनकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) प्रमुख ने कहा, "कुछ लोग सोचते हैं कि हम कमजोर हैं, क्योंकि हम धमकियां नहीं देते, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हम कमजोर नहीं हैं। हमारी विनम्रता को कमजोरी मत समझिए।"
उन्होंने कहा, "हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के सपनों और आकांक्षाओं का सौदा नहीं करेंगे। हम किसी के एहसान के कारण यहां नहीं हैं। अगर किसी ने हम पर एहसान किया है, तो वह सर्वशक्तिमान ईश्वर और जम्मू-कश्मीर के मतदाता हैं।"
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