पिता की लाठी और मां की उम्मीद हैं बेटियां, इन्हें सुरक्षा, बराबरी के अवसर और सम्मान दिलाना ही होगा: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पिता की लाठी है, और मां की उम्मीद, हर घर का सहारा हैं, हमारी बेटियां। देश के उज्जवल भविष्य के लिए हम सबको हर हाल में इन्हें सुरक्षा, बराबरी के अवसर और सम्मान दिलाना ही होगा।

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की तस्वीरें
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की तस्वीरें
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' जारी है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग से मंगलवार को पदयात्रा के 34वें दिन की शुरूआत हुई। पदयात्रा के बीच 'अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस' पर राहुल गांधी ने देश की बेटियों को लेकर एक भावुक संदेश दिया है। यात्रा के दौरान बच्चियों के साथ ली गई तस्वीरों को शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, “पिता की लाठी है, और मां की उम्मीद, हर घर का सहारा हैं, हमारी बेटियां। देश के उज्जवल भविष्य के लिए हम सबको हर हाल में इन्हें सुरक्षा, बराबरी के अवसर और सम्मान दिलाना ही होगा।”

राहुल गांधी के कहने का मतलब क्या है?

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का मकसद ही देश को जोड़ना है। सवाल है किसके खिलाफ? इस पर पार्टी कहना है कि यह पदयात्रा नफरत, हिंसा, अपराध, ऊंच-नीच और समाज में फैली अनेकों बुराइयों के खिलाफ। जाहिर है इसी समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गया है। आज देश में महिलाओं के खिलाफ किस तरह की हिंसा हो रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में इन्हीं बातों की ओर इशारा किया है और महिलाओं, बच्चियों को इंसाफ दिलाने की बात कही है।


आंकड़ों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कहानी

एनसीआरबी के आकंड़ों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश में महिलाओं की क्या हालत है। देश में साल 2021 में, 2020 के मुकाबले महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 15.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4,28,278 मामले दर्ज हुए हैं, जबकि 2020 में 3,71,503 मामले दर्ज हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्चतम दर असम (168.3 प्रतिशत) में दर्ज की गई है। एनसीआरबी की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई आई है कि प्रति एक लाख की आबादी पर महिलाओं के खिलाफ अपराध 2020 में 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 2021 में 64.5 प्रतिशत हो गए हैं। यह आंकड़े बेहद डरावने हैं। ऐसे में देश की महिलाओं को सुरक्षा, बराबरी के अवसर और सम्मान दिलाने की जरूरत है, जिसकी बात राहुल गांधी ने की है।

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