हिमाचल-पंजाब आपदा राहत पैकेज को लेकर PM मोदी की घोषणा पर विपक्ष बोला- जरूरत थी समुद्र की, मिली सिर्फ बूंद
पंजाब कांग्रेस की अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा है कि जिस समय पंजाब को एक पूरे समुंद्र की जरूरत थी, लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ एक बूंद दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलववार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के आपदाग्रस्त इलाकों के दौरे पर गए। इस दौरान उन्होंने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये और हिमाचल के लिए 1500 करोड़ रुपये के वित्तीय मदद की घोषणा की।
घोषणा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी तो चल गए, लेकिन हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यह समझ पाने की स्थिति में नहीं थे कि यह मदद किस रूप में राज्य तक पहुंचेगी। क्या यह मदद किसी राहत पैकेज के तहत सीधे राज्य को मिलेगी या विभिन्न योजनाओं के तहत अलग-अलग मद में यह यहां पहुंचेगी।
केंद्र सरकार ने वित्तीय मदद की जो घोषणा की है उसमें आपदा के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए दो लाख रुपये प्रति परिवार की मदद राष्ट्रीय आपदा कोष से दी जाएगी। राज्य में बादल फटने, औचक बाढ़, भूस्खलन और अतिवर्षा के कारण सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 370 लोगों की मृत्यु हुई है। इस मद में पूरा खर्च 74 करोड़ रुपये आंका गया है। इसके अलावा घायलों को 50 हजार रुपये प्रति व्यक्ति की मदद दी जाएगी।
यहां एक बात का जिक्र जरूरी है कि राज्य में 2023 में आपदा के लिए 2006.4 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद जून 2025 में राज्य को मिली थी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि राज्य के पास ज्यादा संसाधन नहीं हैं इसलिए उन्होंने राज्य की उधार लेने की सीमा को दो फीसदी बढ़ाने का अनुरोध भी किया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू का यह भी कहना है कि राज्य का कुल नुकसान 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ है, इसलिए केंद्र को कम से कम 5,000 करोड़ रुपये की सीधी मदद आपदा राहत के लिए करनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने जब पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की मदद की घोषणा की तो उसके पहले अपादा राहत कोष से राज्य को 1200 करोड़ की मदद दी जा चुकी थी। इसलिए प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद यह भ्रम बना रहा कि यह 1200 करोड़ रुपये की रकम पहले 1600 करोड़ से अलग होगी या उसे भी कुल रकम में शामिल कर लिया गया है। हालांकि बाद में यह स्पष्ट कर दिया गया कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा पहले जारी की गई रकम से अलग होगी।
उसी दिन भारत सरकार के प्रेस इनफाॅरमेशन ब्यूरो ने एक विज्ञप्ति जारी की जिसे प्रधानमंत्री ने एक्स पर शेयर भी किया। इस विज्ञप्ति की अनुसार राज्य के बाढ़ पीड़ितों की मदद पीएम केयर, पीएम आवास और पीएम किसान जैसी योजनाओं के तहत की जाएगी। दूसरे शब्दों में पंजाब तक यह रकम इन योजनाओं के तहत पहुंचेगी।
हिमाचल और पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री जब गुरूदासपुर पहुंचे तो उनकी मुलाकात 19 किसानों से कराई गई। इस मुलाकात के दौरान पंजाब के बीजेपी नेता सुनील जाखड़ और अश्विनी शर्मा भी मौजूद थे। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया कि केंद्रीय मदद राज्य सरकार के जरिये न देकर सीधे किसानों के खाते में जमा कराई जाए। प्रधानमंत्री ने इस पर विचार का आश्वासन दिया है।
हालांकि बीजेपी नेता प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन बाकी ज्यादातर दल इससे संतुष्ट नहीं हैं। राज्य सरकार का कहना है कि पंजाब में जो नुकसान हुआ वह बहुत बड़ा है। इसके लिए प्रधानमंत्री को कम से कम 20,000 करोड़ रुपये की सीधी मदद करनी चाहिए और इसके अलावा राज्य का केंद्र सरकार पर जो 60,000 करोड़ रुपये बकाया है, वह भी तुरंत देना चाहिए। पंजाब कांग्रेस की अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा है कि जिस समय पंजाब को एक पूरे समुद्र की जरूरत थी, लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ एक बूंद दी है।
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