राहुल गांधी के वोट चोरी के खुलासों पर खड़गे बोले- समय आ गया लोकतंत्र और संविधान को बचाने का
राहुल गांधी ने आज सबूत और उदाहरण के साथ पांच तरह की गड़बड़ियों का खुलासा किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा विभिन्न राज्यों की मतदाता सूची में गड़बड़ी और वोटों की चोरी का खुलासा किए जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और देश बचाने का अब समय आ गया। कांग्रेस इस मुद्दे पर जनता को जागरूक करेगी। कल कर्नाटक में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क से हम शुरुआत करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी का वीडियो साझा करते हुए 'एक्स' पर कहा, "एक वक़्त था जब भारत के चुनाव आयोग की वाहवाही पूरे विश्व में होती थी। कितने ही देश हमारे चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव संपन्न करने की ट्रेनिंग लेते थे। जब कोई राजनीतिक दल चुनाव आयोग से सवाल पूछता था तो वो संविधान की मर्यादा के दायरे में उसका जवाब या स्पष्टीकरण देते थे। आज जब कोई चुनाव आयोग से सवाल पूछता है तो वो जवाब नहीं बल्कि सत्ता पक्ष के नुमायंदे की तरह उलटे इल्ज़ाम लगाता है, विपक्षी पार्टियों की मांगों पर गौर किये बिना केवल अनर्गल बयानबाज़ी करता है।
खड़गे ने आगे कहा, राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र के, गहन जांच के बाद, उदहारण देकर, बताया कि किस तरह से चुनाव आयोग ने एक चुनाव में ही घोर धांधली होने दी और अपने संवैधानिक कर्त्तव्य को तार-तार किया, जिसमें 1,00,250 वोटों की चोरी की गई। ये वोट चोरी पूरे देश में रणनीतिक तरीक़े से कई सीटों पर हो रही है। कांग्रेस पार्टी, इस पर जनता को जागरूक करेगी। कल कर्नाटक में बेंगलुरु के फ्रीडन पार्क से हम शुरुआत करेंगे। अब समय आ गया लोकतंत्र और संविधान को बचाने का, देश बचाने का !
इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आयोग बीजेपी के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे संविधान की नींव 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत पर टिकी है। इसलिए जब चुनाव होते हैं तो सबसे जरूरी सवाल यह है कि क्या सही लोगों को वोट डालने की अनुमति मिल रही है? क्या वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं? क्या वोटर लिस्ट सटीक है? उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से लोगों में संदेह बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने पांच मुख्य बिंदु गिनाए और कहा कि कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी हुई। उन्होंने पांच प्रकार की गड़बड़ियों का जिक्र किया, जिनमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी और अमान्य पते, एक पते पर बहुत सारे वोटर, अमान्य फोटो और फॉर्म 6 का गलत इस्तेमाल शामिल हैं। महाराष्ट्र में सिर्फ 5 महीनों में जितने नए वोटर जोड़े गए, उतने पिछले 5 सालों में भी नहीं जोड़े गए थे। कई क्षेत्रों में जितने वोटर जोड़े गए, वह उन इलाकों की पूरी आबादी से भी ज्यादा थे। 5 बजे के बाद वोटिंग में अचानक जबरदस्त उछाल आया, लेकिन मतदान केंद्रों पर लाइनें नहीं थीं।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया। अगर हमारे पास सॉफ्ट कॉपी होती, तो हम पूरे डेटा को 30 सेकंड में एनालाइज कर सकते थे। लेकिन हमें कागज के सात-फुट लंबे बंडल मिले, जिन्हें पढ़ने और मिलाने में छह महीने लगे। सिर्फ एक विधानसभा सीट के लिए 30-40 लोगों की टीम ने दिन-रात काम किया। उन्होंने सवाल खड़े किए कि ईसी जानबूझकर ऐसा डेटा देता है, जिसे स्कैन कर पढ़ा न जा सके। ईसी ने सीसीटीवी फुटेज तक पहुंचने के नियम बदल दिए। इसके साथ ही चुनाव आयोग डिजिटल डेटा देने से इनकार करता है। ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कोई जांच न कर सके। ने राहुल गांधी ने कहा कि जनता को पारदर्शिता का पूरा अधिकार है और चुनाव से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। कांग्रेस की टीम पूरे सिस्टम को समझ चुकी है और जनता के सामने सच लाकर रहेगी।