एक देश एक चुनाव: संसदीय समिति की बैठक में BJP सदस्यों ने एक साथ चुनाव का किया समर्थन, विपक्ष ने उठाए सवाल
कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि यह विचार संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को नकारता है।

देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले दो विधेयकों पर विचार करने के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति की पहली बैठक में बुधवार को बीजेपी के सदस्यों ने एक साथ चुनाव के विचार की सराहना की तो विपक्षी सदस्यों ने इस पर सवाल खड़े किए।
सूत्रों ने बताया कि विधि एवं न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने बैठक के दौरान प्रस्तावित कानूनों के प्रावधानों पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के विचार का विधि आयोग सहित विभिन्न निकायों द्वारा समर्थन किए का हवाला दिया गया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी सदस्यों ने ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि यह देश के हित में है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि यह विचार संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है, जबकि तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने कहा कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को नकारता है।
बीजेपी के सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति में कांग्रेस से प्रियंका गांधी, जनता दल (यूनाइटेड) से संजय झा, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, आम आदमी पार्टी (आप) से संजय सिंह और तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी समेत सभी प्रमुख दलों के सदस्य शामिल हुए।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर विचार के लिए संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया गया है।
समिति के 39 सदस्यों में बीजेपी के 16, कांग्रेस के पांच, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के दो-दो तथा शिवसेना, तेदेपा, जेडीयू, रालोद, एलजेपी (रामविलास), जन सेना पार्टी, शिवसेना (उबाठा), राकांपा (एसपी), माकपा, आम आदमी पार्टी, बीजू जनता दल (बीजद) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक-एक सदस्य शामिल हैं।
समिति में एनडीए के कुल 22 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के 10 सदस्य हैं। बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के सदस्य नहीं हैं।
समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia