पिछले चार साल से सिर्फ पीएमओ ही सरकार, सत्ता के केंद्रीकरण से पटरी से उतरी तरक्की : राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं। लंदन स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी के लिए डोकलाम विवाद एक इवेंट है।

फोटो: @INCIndia
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नवजीवन डेस्क

यूरोप दौरे पर गए राहुल गांधी ने लंदन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज में एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की विदेश नीति पर जमकर हमला बोला। सभा को संबोधन के दौरान उन्होंने पाकिस्तान से बातचीत, चीन से संबंध, डोकलाम विवाद और नोटबंदी तक का जिक्र किया। राहुल गांधी ने कहा एनडीए सरकार की विदेश नीति में स्थायित्व नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों से उनकी सरकार में सत्ता का केवल केंद्रीकरण हुआ है जबकि सफलता विकेंद्रीकरण से ही मिलती है। 1.3 अरब लोगों के बीच भेदभाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने कहा कि व्यापार जगत को पीएम मोदी से काफी उम्मीदें थी, लेकिन आज भारत के कारोबार जगत पर सीबीआई, ईडी का भारी दबाव है।

डोकलाम के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार इसे एक घटना के तौर पर देखती है। लेकिन हकीकत में ये पिछले कई घटनाओं की कड़ी में एक घटना थी। पीएम नरेंद्र मोदी इसे अलग घटना के तौर पर देखते हैं। यदि उन्होंने चीन की तरफ से घुसपैठ की घटनाओं पर ध्यान दिया होता तो शायद डोकलाम का मुद्दा आया ही नहीं होता। वे डोकलाम की घटना को रोक सकते थे। लेकिन ऐसा कर पाने में वे नाकाम रहे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह हकीकत है कि डोकलाम में आज भी चीनी सेना मौजूद है।

राहुल गांधी ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि पीएम मोदी के पास कोई गहराई से सोची-समझी रणनीति नहीं है। पाकिस्तान के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वहां कोई भी ऐसी संस्था नहीं है जो सर्वोच्च हो। हम तब तक प्रतीक्षा करेंगे जब तक कि वो कोई सुसंगत ढांचा नहीं बनाते।

उन्होंने कहा, “अगर आप अपने देश के ढांचे को गहराई से समझते हैं, तो आप संतुलित ताकत का इस्तेमाल करेंगे। आज मैं भारत को अपनी ताकत बढ़ाते नहीं देख पा रहा हूं। नोटबंदी का विचार वित्तमंत्री और आरबीआई को नजरअंदाज करके सीधे आरएसएस से आया और प्रधानमंत्री के दिमाग में बैठा दिया गया।”

उन्होंने कहा कि आरएसएस भारतीयता की मूलभावना को बदलने की कोशिश कर रहा है। आरएसएस की सोच अरब देशों की मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है। उन्होंने कहा कि अन्य पार्टियों ने भारत की संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए कभी हमला नहीं किया।

इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा, “भारत पिछले 70 वर्षों से बदलाव के दौर से गुजर रहा है। लोकतांत्रिक सिद्धांतों का इस्तेमाल करके एक ग्रामीण देश बदल रहा है। हम शांतिपूर्ण ढंग से बदलाव कर रहे हैं। महत्वपूर्ण सिद्धांत ये था कि बदलाव का फायदा सभी भारतीयों को मिले और कोई भी पीछे न छूटे। एक और सिद्धांत ये था कि यह मोटे तौर पर अलग-अलग लोगों के हिसाब से हो। भोजन, काम और सूचना का अधिकार ये सारा ढांचा बदलाव के दौरान लोगों को होने वाली परेशानियों को कम करने के लिए तैयार किया गया था।”

विदेश मंत्रालय के कामकाज और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि विदेश मंत्रालय के एकाधिकार को खत्म करके एक नई तरह की व्यवस्था बनाई जा रही है जिसमें विदेश मंत्री अपना काफी समय सिर्फ वीजा बनवाने में लगाती हैं

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