ऑपरेशन सिंदूर: 5 पाक जेट्स मारने के IAF चीफ के बयान पर कांग्रेस बोली- जंग में आगे थे तो किसके दबाव में रुका ऑपरेशन?

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पूछा कि अगर हम युद्ध में इतने आगे थे, तो फिर ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया? अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट किया- पीएम मोदी क्यों नहीं बता रहे कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं?

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमानों और एक बड़े सर्विस प्लेन को मार गिराया था, भारतीय वायुसेना के प्रमुख, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के इस बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पूछा, "अगर हम युद्ध में इतने आगे थे, तो फिर ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया? अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सीजफायर का ट्वीट किया- पीएम मोदी क्यों नहीं बता रहे कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं?"

वायुसेना प्रमुख ने क्या कहा?

वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों का विवरण देते हुए कहा कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू जेट्स और एक बड़े एयरबोर्न एयरलाइनेसेंसिंग एयरक्राफ्ट (AWACS जैसी) को मार गिराया। इसे सर्व-सतह वायु रक्षा में अब तक की सबसे बड़ी सफलता बताया गया। उनके अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को कोई प्रतिबंध नहीं था। राजनीतिक दिशा स्पष्ट थी और कार्यान्वयन में सेना को पूर्ण स्वतंत्रता मिली।


सेना प्रमुख ने क्या बयान दिया है?

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने IIT मद्रास में अपने संबोधन में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर एक उच्च-स्तरीय रणनीतिक मिशन था, जिसे उन्होंने "शतरंज खेलना" बताया। यह ऑपरेशन पारंपरिक युद्ध नहीं, बल्कि "ग्रे झोन" रणनीति था, जहां दोनों पक्ष शार्प मुव्स करते हैं। कहीं चेकर मेट, कहीं जोखिम लेकर निशाना साधकर।

उन्होंने आगे बताया, “22 अप्रैल को पहलगाम में जो हुआ, उसने पूरे देश को झकझोर दिया। 23 अप्रैल को यानी अगले ही दिन हम सब बैठकर चर्चा करने लगे। यह पहली बार था जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "अब बहुत हो गया"। तीनों सेना प्रमुख इस बात पर पूरी तरह सहमत थे कि कुछ न कुछ करना जरूरी है। हमें खुली छूट दी गई, "आप तय करें कि क्या करना है"। 25 अप्रैल को हम उत्तरी कमान गए, जहां हमने सोचा, योजना बनाई, अवधारणा तय की और उसे अंजाम दिया। 9 में से 7 ठिकाने नष्ट कर दिए गए और कई आतंकियों को मार गिराया गया। 29 अप्रैल को, हम पहली बार प्रधानमंत्री से मिले। यह महत्वपूर्ण है कि कैसे एक छोटा सा नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' पूरे देश को जोड़ देता है। इसने पूरे राष्ट्र को एकजुट कर दिया। यही वजह है कि पूरा देश पूछ रहा था, "आपने रुक क्यों गए?" और इसका जवाब अच्छी तरह दिया गया है।"

सेना प्रमुख ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर में हमने शतरंज खेली। हमें नहीं पता था कि दुश्मन की अगली चाल क्या होगी और हमारी अगली चाल क्या होगी। इसे 'ग्रे जोन' कहते हैं। ग्रे जोन का मतलब है कि हम पारंपरिक युद्ध नहीं लड़ रहे हैं। जो हम कर रहे थे, वह पारंपरिक युद्ध से अलग था। हम शतरंज की चालें चल रहे थे, और दुश्मन भी चालें चल रहा था। कहीं हम उसे 'चेकमेट' दे रहे थे और कहीं हम जोखिम उठाकर वार कर रहे थे, भले ही उसमें अपने लोगों को खोने का खतरा हो, लेकिन जिदगी इसी के बारे में है।"

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